बिहार में बढ़ रहे गंगा का जलस्तर राज्य सरकार के लिए टेंशन बन गया है. शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने निकले. प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ के कारण हालात खराब हो रहे हैं. राजधानी पटना के मोकामा इलाके में गंगा नदी के पानी में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है, जिससे निचले इलाकों के डूबने का खतरा बना हुआ है. जुलाई में भी बाढ़ जैसे हालात के बीच सीएम ने हवाई सर्वेक्षण किया था. इसके बाद एक बार फिर बाढ़ जैसे स्थिति के बीच सीएम ने जायजा लिया. आज सीएम के हवाई सर्वेक्षण में उनके साथ विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे.
जल संसाधन विभाग बिहार के अनुसार आज सुबह गंगा नदी का जलस्तर पटना के सभी प्रमुख जगहों पर खतरे के निशान से एक मीटर या उससे अधिक पार कर चुका है. पटना के दीघा घाट में गंगा का जलस्तर 51.52 मीटर दर्ज किया गया जबकि खतरे का लेवल 50.45 मीटर है. गांधी घाट पर खतरे का लेवल 48.50 मीटर है, मगर यहां गंगा का जलस्तर 50.14 मीटर पहुंच गया है. पटना के पूर्वी छोर हाथीदाह में भी गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. यहां खतरे का जलस्तर 41.76 मीटर है जबकि रिकॉर्ड में 43.07 मीटर दर्ज किया गया है.
बिहार में पटना, बेगूसराय मुंगेर जैसे इलाकों में गंगा उफान पर है, जिस कारण गंगा नदी के किनारे बसे शहर, कस्बे, गांव इत्यादि इलाके पानी से भर गए हैं. कई लोगों ने अपने घरों को छोड़कर ऊंचे जगह पर डेरा डाल दिया है. वहीं कई लोगों गांव में मवेशियों के साथ रहने को मजबूर है. लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण कई सरकारी स्कूलों को भी डीएम के निर्देश पर बंद किया गया है.
बता दें कि बिहार में पड़ोसी राज्यों में हो रही बारिश के कारण बिहार में नदियां उफनाई हुई हैं. गंगा के अलावा गंडक, बूढी गंडक और पुनपुन नदियां भी रिकॉर्ड से ऊपर बह रही है.