गुरुवार को देशभर में कांग्रेस पार्टी का व्यापक प्रदर्शन सड़कों पर हो रहा है. आज कांग्रेस प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) कार्यालयों के बाहर हिंडबर्ग रिपोर्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है. 10 अगस्त को हिंडबर्ग की रिपोर्ट जारी हुई थी, जिसमें दावा किया गया कि सेबी चीफ की माधवी बुच की अडाणी ग्रुप के पैसों की हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट और ऑफ़शोर कंपनियों में हिस्सेदारी थी. कांग्रेस ने मांग रखी है कि माधवी बुच को उनके पद से हटाया जाए और अडाणी मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति के द्वारा हो.
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने इसके खिलाफ 22 अगस्त को ईडी कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन का ऐलान किया था. जिसके तहत आज पार्टी के बड़े नेता, विधायक, पूर्व विधायक, पदाधिकारी, समेत कई कार्यकर्ता सड़कों पर हाथ में कांग्रेस का झंडा लिए नजर आ रहे हैं.
बीते दिन ही कमेटी के दिल्ली मुख्यालय में बैठक हुई जहां अडाणी घोटाला, देशव्यापी जाति जनगणना और भारत के संविधान अंतर्गत निहित आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक न्याय के प्रावधानों सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई.
हिंडबर्ग की रिपोर्ट के बाद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अडाणी महाघोटाले की जांच सेबी को दी गई. अब खबर है किसी सेबी चीफ माधवी बुच भी महाघोटाले में शामिल है. मतलब घोटाले की जांच करने वाले ही घोटाले में शामिल है. राहुल गांधी ने आगे माधवी बुच के इस्तीफें की मांग रखी थी. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर निवेशकों ने अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा खोया तो यह किसकी जिम्मेदारी बनती है, पीएम मोदी, सेबी चेयरपर्सन, गौतम अडाणी. जब सेबी चेयरपर्सन पर गंभीर आरोप लगे हो तब क्या सुप्रीम कोर्ट मामले पर एक बार फिर स्वत: लेगा?