बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कराने की मांग को अब दो हफ्ता पूरा हो चुका है. इन 14 दिनों के प्रदर्शन में दो बार अभ्यर्थियों के ऊपर लाठीचार्ज किया गया, जिसके विरोध में विपक्षी सरकारी ने नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया है. अभ्यर्थियों की मांग को लिए भाकपा माले(CPI-ML) के विधायक आज राजभवन मार्च करेंगे. जिसमें कांग्रेस और राजद के विधायक भी शामिल हो सकते हैं. आज दोपहर 2 बजे राजभवन मार्च शुरू होगा.
सोमवार की रात जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर एक बार फिर गर्दनीबाग धरनास्थल पहुंचे. यहां उन्होंने बीपीएससी अभ्यर्थियों से करीब 2 घंटे तक बातचीत की. वही दोपहर में अभ्यर्थियों का 11 सदस्यीय डेलिगेशन मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा से मिलने पहुंचा था. अभ्यर्थियों ने मुलाकात के बाद बताया कि हमने अपनी मांग मुख्य सचिव के सामने रखी है. उन्होंने कहा है कि जो उचित कार्रवाई होगी, वह की जाएगी. इसके साथ ही अभ्यर्थियों ने कहा कि आंदोलन री एग्जाम की घोषणा तक जारी रहेगा.
मालूम हो कि रविवार को पटना में बीपीएससी अभ्यर्थियों की प्रदर्शन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. यह मामला राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग दिल्ली और बिहार मानव अधिकार आयोग तक पहुंचा है. लाठीचार्ज के मामले में अधिवक्ता एसके झा ने याचिका दाखिल की है. उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान में शांतिपूर्ण विरुद्ध करने का अधिकार है. संविधान के अनुच्छेद 19(1)(बी) के अनुसार नागरिकों को बिना हथियार के शांतिपूर्वक इकट्ठा होने का अधिकार है. अभ्यर्थियों पर पानी की बौछार और लाठीचार्ज हुआ है, जो पुलिस के अमानवीय चेहरे को उजागर करता है.