पेपर माफिया पर कसेगा शिकंजा, देश में देर रात लागू हुआ एंटी पेपर लीक कानून

शुक्रवार की देर रात सरकार ने देश में एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया है. कानून के तहत भर्ती परीक्षा में नकल और कई तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए कड़े प्रावधान लाए गए हैं.

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देश में एंटी पेपर लीक कानून

देश में एंटी पेपर लीक कानून

देश में बीते दिनों लगातार हुए पेपर लीक पर केंद्र सरकार घिरी हुई है. मोदी सरकार पर तीसरे कार्यकाल में परीक्षा में बदइंतजामी के आरोप लग रहे है. पेपर लीक मामले में घिरी केंद्र सरकार ने बीती रात परीक्षा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया. शुक्रवार की देर रात सरकार ने देश में एंटी पेपर लीक कानून यानी पब्लिक एग्जामिनेशन प्रिवेंशन ऑफ़ अनफेयर मीन्स एक्ट-2024 लागू किया.

नए कानून को लेकर आधी रात नोटिफिकेशन भी जारी किया गया. कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया गया है. एंटी-पेपर लीक कानून(anti paper leak law) के तहत भर्ती परीक्षा में नकल और कई तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए प्रावधान लाए गए हैं. नए कानून को इसी साल फरवरी में संसद में पारित किया गया था. एंटी पेपर लीक कानून के तहत शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और नौकरी में भर्ती के लिए होने वाली सभी तरह के प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी पर अंकुश लगाया जाएगा. नए कानून में परीक्षा माफियाओं को अधिकतम 10 साल जेल और दोषी सर्विस प्रोवाइडर पर एक करोड़ रुपए तक जुर्माना का प्रावधान रखा गया है.

एंटी पेपर लीक कानून गैर जमानती

पेपर लीक या आंसर शीट से छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल की सजा और 10 लाख रुपए जुर्माना हो सकता है. साथ ही सजा को 5 साल तक भी बढ़ाया जा सकता है.

मालूम हो कि केंद्र सरकार के पास पहले से ऐसा कोई कानून नहीं था, जिसमें परीक्षा में गड़बड़ी से जुड़े अपराधों के लिए सजा का प्रावधान हो. फरवरी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस एक्ट को मंजूरी दी. एंटी पेपर लीक कानून के तहत यूपीएससी, एसएससी, आरआरबी, आईबीपीएस और एनटीए की परीक्षाएं भी शामिल होंगी. केंद्र के सभी मंत्रालय एवं विभागों की भर्ती परीक्षा भी इस कानून के दायरे में ही आएंगी. एंटी पेपर लीक कानून गैर जमानती होंगे.

मालूम हो कि बीते महीने मेडिकल कॉलेज में दाखिले को लेकर नीट परीक्षा का आयोजन हुआ था, जिसमें करीब 24 लाख स्टूडेंट शामिल हुए थे. परीक्षा का रिजल्ट 4 जून को आया, जिसमें 67 बच्चे ऐसे थे जिन्हें 720 में से 720 नंबर हासिल हुए थे. 67 बच्चों के 100 फीसदी नंबर आने के बाद टेस्टिंग एजेंसी पर सवाल खड़े होने लगे थे. नीट में गड़बड़ी का आरोप देशभर से लग रहा था, साथ ही इसके लिए एग्जाम कैंसिल करने की मांग उठ रही है. री-एग्जाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अब तक पांच याचिकाएं भी दाखिल की गई है. हालांकि इतने विरोध के बाद भी कोर्ट ने एग्जाम को रद्द नहीं किया है. नीट परीक्षा के बाद एनटीए द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा को भी पेपर लीक के कारण रद्द किया गया था. इसके बाद 25 जून से आयोजित होने वाली सीएसआईआर यूजीसी-नेट परीक्षा को भी टाल दिया गया है.

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