पलामू में आयोजित बाबा बागेश्वर की हनुमंत कथा के लिए तारीख पर तारीख, हाईकोर्ट में 21 दिसम्बर को सुनवाई

बागेश्वर बाबा का कार्यक्रम पलामू जिला प्रशासन की तरफ से स्थगित किया गया है. मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है जिसमें कहा गया है कि बागेश्वर बाबा के कार्यक्रम से पर्यावरण पर असर होगा.

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बाबा बागेश्वर पर सुनवाई 21 को

बाबा बागेश्वर पर सुनवाई हाईकोर्ट में 21 दिसम्बर

कथावाचक बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम पर झारखंड में बवाल मचा हुआ है. बीते 1 महीने से झारखंड के कोर्ट में पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रमों को लेकर बहस चल रही है. धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम झारखंड में 10 से 12 दिसंबर तक निर्धारित किया गया था, जिस पर रोक लगा दी गई. उसके बाद से ही बाबा का यह कार्यक्रम लगातार कोर्ट की सुनवाईयों में अटका पड़ा हुआ है.

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धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा का कार्यक्रम पलामू जिला प्रशासन की तरफ से स्थगित किया गया है. मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है, जिसमें कहा गया है कि बागेश्वर बाबा के कार्यक्रम से पर्यावरण पर असर होगा. आयोजन के लिए शुरूआत में अनुमति दे दी गई थी लेकिन बाद में अनुमति को रद्द कर दिया गया. 

दरअसल 21 से 28 नवंबर तक 7 दिनों के लिए भागवत कथा का आयोजन कराया गया था. पलामू जिले में बाबा बागेश्वर की हर तरफ धूम थी हर दिन लाखों श्रद्धालु उनके कथा का आनंद उठाने के लिए पहुंच रहे थे. समिति ने बाबा बागेश्वर के दिव्या दरबार लगाने की मांग पलामू जिले में ही की.

10, 11 और 12 दिसंबर को भी पलामू जिले के सदर प्रखंड के खंडवा गांव में अमानत नदी घाट पर बागेश्वर धाम के पंडित का कार्यक्रम तय था. इसके आवेदन की भी स्वीकृति सदर एसडीओ ने दे दी थी. लेकिन पलामू उपायुक्त शशि रंजन ने नदी किनारे कार्यक्रम को निरस्त कर दिया था. उपायुक्त शशि रंजन का कहना है कि नदी किनारे कार्यक्रम होने से इकोसिस्टम पर प्रभाव पड़ेगा, जिससे प्राकृतिक आपदा के खतरे की आशंका बढ़ जाएगी. दरअसल नदी के किनारे बलुआ मिट्टी है जिसमें पंडाल धसने की संभावना अधिक है. 

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इस पूरे मामले पर पूर्व महापौर सह हनुमंत कथा समिति की संयोजक अरुणा शंकर ने भी अपनी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम को जानबूझकर जिला प्रशासन अनुमति नहीं दे रहा है. बाबा बागेश्वर के काफी अनुयाई है. लाखों लोगों की श्रद्धा उनसे जुड़ी है और उनका आना पलामू वासियों के लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है. पूर्व महापौर ने झारखंड सरकार से अनुरोध किया है कि हिंदुओं की आस्था के साथ  खिलवाड़ ना किया जाए. कार्यक्रम पर रोक लगाकर हिंदू की भावनाओं से सरकार न खेले. 

नदी किनारे होने वाले इस कार्यक्रम को निरस्त करने के बाद आयोजनकर्ताओं ने नई जगह और तारीखों की तलाश कर ली है. कार्यक्रम के लिए नया जगह चैनपुर प्रखंड के ओदीनार गांव है. यह कार्यक्रम अगले साल 10 फरवरी से 15 फरवरी के बीच में तय है.

पहले इस मामले में सुनवाई 7 दिसंबर को तय की गई थी, जिस दौरान फैसला सुनाया जाना था. इसके बाद यह सुनवाई आज यानि 18 दिसंबर को की गई, जिसमें अगली तारीख 21 दिसंबर हाईकोर्ट ने तय की है. 

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