रमजान का पाक महीना शुरू हो गया है. इस्लामिक देश फिलिस्तीन में भी जंग के बीच लोगों ने रोजा रखा है. उत्तरी गाज़ा में रमजान के मौके पर लोगों में सीजफायर की उम्मीद थी, लेकिन यह उम्मीद रमजान के पहले दिन से ही बिखर गई. दरअसल रमजान की शुरुआत होते ही 24 घंटे के अंदर इजरायली हमले की वजह से गाज़ा में 67 लोगों की मौत हो गई.
फिलिस्तीन के शहर गाज़ा में हमलों के रुक जाने के बाद रमजान के महीने में रोज खाना खिलाना शुरू किया गया था. अमेरिका, कतर और मिश्र को यह उम्मीद थी कि रमजान से पहले जंग को लेकर समझौता हो जाएगा. और इजरायली बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों को भी रिहा कर दिया जाएगा. लोगों के मन में यह उम्मीद थी कि गाज़ा में हुए अमानवीय हालात खत्म हो जाएंगे और मदद पहुंचाई जा सकेगी. लेकिन पिछले हफ्ते ही जंग को लेकर वार्ता रुक गई और एक बार फिर से हमलों का सिलसिला जारी है.
डिस्ट्रीब्यूशन केंद्र पर इजरायल का हमला
गाज़ा के अल नुसरत कैंप के पास बने एक डिस्ट्रीब्यूशन केंद्र पर इजरायल ने एयर स्ट्राइक कर दी, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई. नॉर्थ गाजा में खाना खिलाते हुए फिलिस्तीनियों पर इजरायली सैनिकों ने हमला कर दिया जिसमें 21 लोगों की मौत हो गई. रायटर्स के मुताबिक दोनों हमलों में कुल मिलाकर 29 फिलिस्तीनों की मौत हो गई है.
अब तक दोनों देशों के बीच में हुए इस हमलों से 31,112 लोगों की मौत हो चुकी है. जिसमें दो तिहाई बच्चे और महिलाएं शामिल है.
हमास के आतंकवादियों ने दक्षिणी इजरायल पर 7 अक्टूबर 2023 को हमला किया था. जिसमें 1,200 लोगों की मौत का अनुमान लगाया गया था. हमास के हमले के बाद इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई देनी शुरू की, जिसके कारण फिलिस्तीन और इजरायल के बीच में युद्ध शुरू हो गया. इस युद्ध की वजह से फिलिस्तीन के शहर गाज़ा में 23 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. लगभग 80% लोग गाज़ा में बेघर बताए जा रहे हैं.