राज्य में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिलाने वाली साक्षमता परीक्षा के पहले शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन राजधानी पटना में देखा गया. मंगलवार को पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर हंगामा किया. नियोजित शिक्षक शिक्षा विभाग के सक्षमता परीक्षा के आदेश के खिलाफ विधानसभा मार्च करने के लिए भी कुच करने वाले थे, लेकिन पुलिस ने कार्यवाही करते हुए प्रदर्शन को रोक दिया.
मंगलवार को भाजपा कार्यालय के बाहर नियोजित शिक्षकों पर पुलिस ने खूब लाठियां बरसाई थी, जिसमें कई शिक्षकों को चोट भी आई थी. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कई शिक्षकों को हिरासत में भी लिया था. आंदोलन करते हुए नियोजित शिक्षकों ने बीजेपी दफ्तर का भी घेराव किया था.
शिक्षकों के इस भारी विरोध दर्शन को देखते हुए डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी एक्शन में आए हैं. 15 फरवरी को डिप्टी सीएम ने नियोजित शिक्षकों को मिलने के लिए बुलाया है. सक्षमता परीक्षा को लेकर शिक्षक संघ और डिप्टी सीएम के बीच में वार्ता होगी. डिप्टी सीएम के बुलावे के बाद नियोजित शिक्षकों ने अपना आंदोलन 16 फरवरी तक के लिए स्थगित किया है.
26 फरवरी से राज्य में शिक्षा विभाग की तरफ से नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा का आयोजन होगा. शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार इस सक्षमता परीक्षा में पास होने वाले शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा और फ़ेल होने पर नौकरी से निकाल दिया जाएगा. शिक्षा विभाग के इसी आदेश के खिलाफ लाखों नियोजित शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं. राज्य में नियोजित शिक्षकों की संख्या साढ़े 3 लाख है.
कल शिक्षा मंत्री विजय चौधेरी ने नियोजित शिक्षकों के फ़ेल हो जाने और नौकरी से हाथ धोने वाले सवाल पर कहा था कि सरकार ने इस विषय में अभी अधिकारिक फ़ैसला नही लिया है. शिक्षक ज्यादा हडबड़ाए नहीं.