कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल में ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप और हत्या के खिलाफ आज भी प्रदर्शन जारी है. घटना को एक महीने हो चुके हैं. आज 31वें दिन भी राज्य में जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल का ऐलान किया है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आज शाम 5:00 बजे तक डॉक्टरों को काम पर लौट के लिए कहा था. कोर्ट ने आदेश न मानने पर राज्य सरकार को कार्यवाही करने का आदेश भी दिया था. मगर शीर्ष अदालत के आदेशों को किनारे करते हुए जूनियर डॉक्टर ने आज भी हड़ताल बुलाई है. डॉक्टरों उसका कहना है कि उन्हें और पीड़ित को न्याय नहीं मिला है. इसलिए वह काम पर नहीं लौटेंगे. जूनियर डॉक्टर्स ने राज्य सरकार को शाम 5:00 बजे तक मांगे स्वीकार करने का अल्टीमेटम दिया है.
जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि राज्य के स्वास्थ्य सचिव को बर्खास्त किया जाए. इस मांग को उठाने के लिए आज दोपहर 1बजे से डॉक्टरों का साल्ट लेक से स्वास्थ्य भवन तक मार्च भी प्रस्तावित है.
जूनियर डॉक्टरों ने अपने लेटर में कहा कि राज्य में 245 सरकारी अस्पताल है, जिनमें 26 मेडिकल कॉलेज है. जूनियर डॉक्टरों की संख्या 7,500 है जबकि रजिस्टर्ड डॉक्टर्स 93,000 है. ऐसे में हमारे कारण स्वास्थ्य सिस्टम बिगड़ने का दावा झूठा है. लेटर में आगे लिखा गया कि घटना के 30 दिन के बाद भी सरकार ने मांगे नहीं पूरी की है. राज्य सरकार सारा दोष सीबीआई जांच पर थोप रही है. पुलिस की लापरवाही या स्वास्थ्य भ्रष्टाचार के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं हो रही है. हमारी मांग है कि ऑन ड्यूटी डॉक्टर के लिए अलग से रेस्ट रूम, बाथरूम, पर्याप्त सुरक्षाकर्मी, सीसीटीवी, महिलाओं के लिए महिला सुरक्षाकर्मी मौजूद रहे.
बता दें कि सोमवार के सुनवाई में सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ती जे बी पारदीवाला, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की बेंच ने प्रदर्शनकारी चिकित्सकों को मंगलवार शाम 5:00 बजे तक काम पर लौटने कहा था. साथ ही कोर्ट में आश्वाशन दिया कि अगर वह काम पर लौट जाए, तो उनके खिलाफ प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी.