बिहार में 20 अगस्त से शुरू हुई जमीन सर्वेक्षण पर रोक लग सकता है. दरअसल राज्य में जमीन सर्वेक्षण शुरू होने के बाद इसे लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे थे. जिसमें जमीन के दस्तावेजों को जुटाने में लोगों के पसीने छूट रहे थे. साथ ही प्रखंड और जिला कार्यालय के चक्कर काटने से लोगों में भारी आक्रोष भर रहा था. जिसके बाद खबर आ रही है कि पार्टी नेताओं से मिले फीडबैक के बाद सरकार जमीन सर्वेक्षण को फिलहाल टाल सकती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसलिए कर जल्द ही फैसला सुना सकते हैं.
माना जा रहा है कि चुनावी माहौल को देखते हुए भी जमीन सर्वेक्षण फिलहाल टल सकता है. दरअसल जमीन सर्वेक्षण के दौरान प्रदेश के 45,000 से ज्यादा गांव के जमीन का सर्वेक्षण करना है. यह काम शुरू भी हो चुका है. मगर इसमें कई परेशानियों को देखते हुए नीतीश सरकार बैकफुट पर जाती हुई नजर आ सकती है. भाजपा और जदयू अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जमीन सर्वे के चलते लाभ से ज्यादा नुकसान झेलने का अनुमान लगा रही है. जिस कारण इसका अंतिम निर्णय अब सीएम के भरोसे छोड़ दिया गया है.
सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में भूमि विवादों और हिंसाओं को खत्म करने के लिए जमीन सर्वेक्षण की शुरुआत की थी. बिहार इकलौता ऐसा राज्य है जहां जमीन के रिकॉर्ड अपडेट नहीं होने के चलते कई प्रोजेक्ट लेट हो जाते हैं. जिस कारण जमीन सर्वे के तहत कागजातों को दुरुस्त किया जा रहा है. हालांकि इस सर्वेक्षण को टालने के लिए अभी तक आधिकारिक बयान नहीं आया है. मगर सूत्रों की मन तो जल्द ही जमीन सर्वेक्षण को लेकर बड़ा ऐलान हो सकता है.