बिहार के सरकारी स्कूलों के लगभग 6 लाख शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों और शिक्षणेत्तर कर्मचारी की ई-सेवा बुक बनाई जाएगी. बिहार के शिक्षा विभाग ने इसे बनाने का फैसला लिया है. दरअसल हाल में ही बीपीएससी से हुई नियुक्ति के बाद लगातार आरोप लग रहे थे कि कई शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी हैं. इसके बाद विभाग ने शिक्षक नियुक्ति को पारदर्शी बनाने के लिए यह फैसला लिया. अब सरकारी शिक्षकों और स्कूल में पदस्थापित अन्य कर्मियों के लिए ई-सर्विस बुक तैयार की जाएगी, जिसमें शिक्षकों और कर्मियों के सेवाकाल की पूरी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी. इसमें शिक्षकों का बायोमेट्रिक सत्यापन भी आधार से कराया जाएगा और शिक्षकों के दस्तावेजों का मिलान किया जाएगा.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर एस. सिद्धार्थ ने गुरुवार को इसके संबंध में पत्र जारी किया. पत्र के अनुसार सभी प्रकार के शिक्षक (सक्षमता पास और बीपीएससी से चयनित), विद्यालय अध्यापक, पुस्तकालय अध्यक्ष, शिक्षकेत्तर कर्मियों की ई-सर्विस पुस्तिका बनाने का निर्णय लिया गया है. इसमें सभी शिक्षकों और कर्मियों के सेवा कार्य से संबंधित जानकारी जैसे, योग्यता, नियुक्ति, संपुष्टि, वेतन, निर्धारण, पदोन्नति, स्थानांतरण, विभागीय कार्रवाई, शैक्षणिक- प्रशैक्षणिक योग्यता, पुरस्कार, अवकाश आदि की जानकारी रहेगी. ई-सर्विस बुक बनाने का मुख्य उद्देश्य किसी भी पदाधिकारी द्वारा किसी स्तर से उनको देखा जा सके. बीपीएससी से नियुक्त शिक्षक और सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों की ओर से आवेदन के समय संबंधित पोर्टल पर अपलोड किए गए सभी प्रमाण पत्र को भी ई-सर्विस बुक में रखा जाएगा.
शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि शिक्षकों के नए स्थानांतरण नीति के बाद, नए स्कूल में पदस्थापन होने के बाद उनका बायोमेट्रिक आधारित आधार सत्यापन किया जाएगा. शिक्षकों के अंगूठे का निशान और फोटो जो ऑनलाइन परीक्षा के दौरान दिया गया था, उसका भी सत्यापन होगा. इसके बाद ई-सर्विस बुक का काम शुरू होगा. पत्र में यह भी साफ किया गया है कि प्रमाण पत्र और बायोमेट्रिक आदि के साथ गड़बड़ी पाई जाती है तो शिक्षक-कर्मी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.