चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव की तारीखों का किया ऐलान, 15 फरवरी तक होंगे नामांकन

चुनाव आयोग ने सोमवार को राज्यसभा चुनावों के तारीखों का ऐलान किया है. 8 फरवरी से चुनाव के लिए प्रत्याशियों का नामांकन शुरू हो जाएगा. नामांकन के लिए 15 फरवरी तक का समय निर्धारित किया गया है.

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राज्यसभा के चुनाव की तारीखों का एलान

राज्यसभा के चुनाव की तारीखों का ऐलान

बिहार में कल ही सत्ता पलट हुआ है. नीतीश कुमार ने राजद को दरकिनार कर भाजपा के साथ हाथ मिलाया है. इस नए गठबंधन के बाद आज राज्यसभा चुनाव को लेकर बड़ी घोषणा कर दी गई है. बिहार के 6 सीटों पर राज्यसभा चुनाव की तारीखों का आज ऐलान हो गया है.

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चुनाव आयोग ने सोमवार को ऐलान करते हुए बताया है कि 8 फरवरी से ही राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों का नामांकन शुरू हो जाएगा. नामांकन के लिए 15 फरवरी तक का समय निर्धारित किया गया है. इसके बाद 16 फरवरी तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और नाम वापसी के लिए 20 फरवरी तक का समय चुनाव आयोग ने दिया है. इसके ठीक 7 दिन बाद यानी 27 फरवरी को चुनाव होंगे और उसी दिन शाम में 5:00 बजे तक काउंटिंग का काम शुरू हो जाएगा. 

15 राज्यों से कुल 56 सदस्यों का कार्यकाल

इस साल 15 राज्यों के कुल 56 सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो रहा है. भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार आंध्र प्रदेश में तीन सदस्य रिटायर हो रहे हैं, बिहार में छह, छत्तीसगढ़ में एक, गुजरात में चार, हरियाणा में एक, हिमाचल प्रदेश में एक सदस्य रिटायर हो रहे हैं. इन सभी सदस्यों के रिटायरमेंट की तिथि 2 अप्रैल 2024 है. वहीं कर्नाटक में चार, मध्य प्रदेश में पांच, महाराष्ट्र में छह, तेलंगाना में तीन, उत्तर प्रदेश में दस, उत्तराखंड में एक, पश्चिम बंगाल में पांच, उड़ीसा में तीन और राजस्थान में तीन सदस्यों का कार्यकाल 3 अप्रैल 2024 को खत्म हो रहा है.

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बिहार के राजद सदस्य मनोज कुमार झा और अहमद अशफाक करीम, जदयू के सदस्य अनिल प्रसाद हेगड़े और वशिष्ठ नारायण सिंह. भाजपा के सदस्य सुशील कुमार मोदी और कांग्रेस सदस्य अखिलेश प्रसाद सिंह इस साल राज्यसभा में अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. 

लोकसभा चुनाव के पहले राज्यसभा चुनाव का ऐलान किया गया है. अब राज्यसभा चुनाव को भी काफी अहम माना जा रहा है. संसद के उच्च सदन की सियासी तस्वीर भी इसी चुनावी फैसले से लिखी जा सकती है . 

बिहार में अभी खेला होना बाकी

अभी बिहार में नीतीश कुमार के एक बार फिर से सीएम बनने का मामला ठंडा नहीं पड़ा है. दोनों तरफ से आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर जारी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह रहे हैं कि वह इस बार एनडीए में वापसी पूरी तरह से कर चुके हैं. अब वह इंडिया का साथ छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे, तो वहीं दूसरी ओर तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि अभी बिहार में खेला होना बाकी है.

भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इस पूरे मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने के लिए लालू यादव लगातार नीतीश कुमार पर दबाव बना रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि अगर ऐसा हो जाता तो फिर से बिहार में जंगलराज कायम हो जाता. लेकिन अब भाजपा सत्ता में आ गई है और अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के इस रुख पर अपने सत्ता में आने की उपलब्धियां को गिना दिया है. पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि 17 साल से सीएम काम कर रहे थे. नीतीश कुमार मेरे 17 महीने के कार्यकाल से घबरा गए. बिहार में भाजपा-जदयू का कार्यकाल 17 सालों तक रहा और 17 महीने तक जदयू-राजद का राज रहा. इन 17 महीना में ही राजद ने नौकरी, स्वास्थ्य और टूरिज्म के क्षेत्र में काफी काम किया है. नीतीश कुमार का अपना कोई विजन नहीं था, राजद के आने पर ही सभी कामों को कराया गया है.

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