चुनावी माहौल के बीच गुरुवार को इलेक्शन कमीशन ने आखिरकार दो नए चुनाव आयुक्त का चयन कर ही लिया. ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू देश के नए चुनाव आयुक्त बनाए गए हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज इन दोनों नाम पर सहमति बनी है. इस मीटिंग में पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी भी शामिल थे.
सुखबीर संधू और ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के सेवानिवृत आईएएस अधिकारी है. आईएएस अधिकारी संधू उत्तराखंड कैडर से हैं और ज्ञानेश्वर केरल कैडर से हैं. संधू पहले उत्तराखंड के मुख्य सचिव और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष सहित कई प्रमुख सरकारी पदों को संभाल चुके है. वही ज्ञानेश कुमार ने संसदीय कार्य मंत्रालय और अमित शाह के नेतृत्व वाले सहकारिता मंत्रालय में सचिव के रूप में काम किया है.
ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू का चयन
चुनाव आयुक्त के बैठक के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (congress leader adhir ranjan) ने कहा कि समिति के सामने 6 नाम रखे गए थे, जिनमें से इन दो नामों पर मुहर लगी है. कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि इन छह नामों में उत्पल कुमार सिंह, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, ज्ञानेश कुमार, इंदीवर पांडे, सुखबीर सिंह संधू और गंगाधर राहत का नाम शामिल था. ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू का चयन निर्वाचन आयुक्त के रूप में किया गया है.
दोनों आयुक्त के चयन के बाद अधीर रंजन ने चयन समिति में मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय मंत्री को शामिल करने वाले कानून को लेकर केंद्र पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश को इस समिति में होना चाहिए था. पिछले साल लाए गए कानून ने इस बैठक को महज एक औपचारिकता तक सीमित कर दिया है. अधीर रंजन ने आगे कहा कि जिस पैनल ने चुनाव आयोग का नाम तय किया है उसमें सरकार बहुमत में है. ऐसे में वह जो चाहते हैं वही होता है. मुझे कल रात 212 नाम जांच के लिए मिले थे, कोई एक दिन में इतने सारे उम्मीदवारों की जांच कैसे कर सकता है? बैठक से 10 मिनट पहले मुझे 6 नाम शॉर्ट लिस्ट करके दिए गए और उनमें से जिन्हें चुना गया, उन्हें बहुमत की सरकार ने चुना है.
गौरतलब है कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफा के बाद चुनाव आयुक्त का एक पद खाली हो गया था, जबकि एक पद पहले से ही खाली था.