लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जितनी एक्टिव राजनीतिक पार्टियां हैं, उससे दोगुनी एक्टिव चुनाव आयोग की टीम नजर आ रही है. चुनाव आयोग चाहती है कि इस बार के चुनाव में लोग अपने मतदान का उपयोग बढ़-चढ़कर करें. इसे लेकर चुनाव आयोग ने राज्यों को निर्देश भी जारी किए हैं. चुनाव आयोग ने बिहार और झारखंड के भी नगर आयुक्तों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को आने वाले चुनाव में मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए अभियान शुरू करने का निर्देश दिया है. आयोग ने खासकर उन क्षेत्रों पर फोकस रखने कहा है, जहां पिछले चुनाव में मतदान का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से कम रहा था.
बीते दिन दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें चुनाव से संबंधित निर्देश दिए गए. मतदान को लेकर आयोजित सम्मेलन में देश के चुनिन्दा राज्यों और जिलों के नगर निगम आयुक्त और डीईओ ने भाग लिया. आयोग ने कम चुनाव वाले क्षेत्र के लिए अलग-अलग रणनीति बनाने और उसी अनुसार योजना बनाने के लिए निर्देश दिया है.
2019 में 29.7 करोड़ मतदाताओं ने नहीं डाला वोट
आयोग ने बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, तेलंगाना, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, जम्मू कश्मीर में 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे को देखकर यह फैसला लिया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में इन राज्यों में राष्ट्रीय औसत 67.40 प्रतिशत से कम मतदान हुआ था. आयोग ने इस प्रतिशत से कम मतदान वाले कुल 266 संसदीय क्षेत्रों की पहचान की है. 266 से संसदीय क्षेत्र में 250 ग्रामीण और 51 शहरी क्षेत्र भी शामिल है.
पिछले चुनाव में 29.7 करोड़ मतदाताओं ने लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं किया था.
बता दें कि बिहार के पटना साहिब में 45.80%, नालंदा में 48.79%, काराकाट में 49.09%, नवादा में 49.73%, जहानाबाद में 51.76%, आरा में 51.81% मतदान हुआ था. इसके अलावा औरंगाबाद में 53.76%, मधुबनी में 53.82%, महाराजगंज में 53.82%, बक्सर में 53.95%, सासाराम में 54.72%, सिवान में 54.73% और मुंगेर जिले में 54.90% मतदान हुआ था.
मालूम हो कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान 19 अप्रैल को होने वाले हैं, जिसमें बिहार के चार जिलों में 19 अप्रैल को वोटिंग होगी.