देश में महिला बेरोज़गारी दर बिहार और राजस्थान में सबसे ज़्यादा है. अजीम प्रेमजी आर्गेनाईजेशन की तरफ़ से जारी हुए रिपोर्ट में बताया गया कि यहां महिलाओं को काम करने के लिए उस तरह का माहौल नहीं मिल पाता है, जहां वो काम कर सके. बिहार समेत राजस्थान, उत्तराखंड, झारखंड और उत्तर प्रदेश उन राज्यों में शामिल हैं.
जहां शहरी महिलाओं की भागीदारी कार्यक्षेत्र में बहुत कम है. रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 के दौरान शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं में बेरोज़गारी दर 9.9% थी. हालांकि 2017-18 की तुलना में इसमें 22% की कमी आई है. वहीं पुरुषों में यह आंकड़ा केवल 7.8% ही घटा था. इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं में इस दौरान बेरोज़गारी दर 4.5% दर्ज की गई. जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा महिलाओं से ज़्यादा 6.5% रहा.
रिपोर्ट के अनुसार समय के साथ महिलाओं और पुरुषों की आय के बीच अंतर घट रहा है. आंकड़ों के अनुसार 2004 में, जहां महिलाओं का वेतन पुरुषों के वेतन का केवल 70% था. वहीं 2017 में यह अंतर बढ़कर 76% हो गया है. हालांकि साल 2021-22 तक इन आंकड़ों कोई बदलाव नहीं हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया कि वैसी महिलाओं के काम करने की संभावना कम हो जाती है जिनके पति की आय ज़्यादा हो. हालांकि शहरी क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं के लिए इस स्थिति में संभावनाएं बढ़ जाती हैं.