बिहार में विधायकों की खरीद-फरोख्त पर आर्थिक अपराध इकाई(ईओयू) ने बड़ा खुलासा किया है. राज्य में एनडीए सरकार के विश्वास मत के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में ईओयू और ईडी की जांच चल रही है. ईडी ने भी जांच में कई बड़े खुलासे किए हैं, वही ईओयू ने भी बिहार में हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर कई बड़ी जानकारियां दी है. ईओयू ने हॉर्स ट्रेडिंग केस में अवैध धन के इस्तेमाल का खुलासा किया है. जांच में पता चला है कि बिहार में एनडीए सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान विधायकों को खरीदने के लिए कई तरह के ऑफर दिए गए थे.
इतना ही नहीं ईओयू को इससे जुड़े कई तार देश के बाहर भी मिले हैं. जांच में पता चला है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड, नेपाल में भी बैठे लोगों के माध्यम से सत्तारूढ़ गठबंधन के कई विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग की कोशिश हुई थी. सूबे के कुछ विधायकों ने हॉर्स ट्रेडिंग के लिए एडवांस के रूप में पैसे भी लिए हैं, जिसके सबूत ईओयू के हाथ लगे है.
ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने इसका खुलासा किया है. डीआईजी ढिल्लों के अनुसार हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में यह भी पता चला है कि यदि सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार विश्वास मत में हार जाती तो विधायकों को दूसरे राज्य में हवाला के जरिए पूरे पैसे दिए जाते. सरकार को अव्यवस्थित करने विधायकों के अपहरण और मतदान के लिए प्रलोभन के भी साक्ष्य हाथ लगे हैं.
जदयू के विधायक डॉ संजीव कुमार ने 10 करोड़ का प्रलोभन और अन्य विधायकों को अगवा करने की शिकायत की थी. इसके बाद ईओयू ने इसकी जांच को अपने हाथ में लिया था.