बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण के रिजल्ट में अभी और देरी हो सकती है. दरअसल इसके पीछे तांती-ततवा जाती को अनुसूचित जाति कोटे से हटाने की वजह है. परीक्षा में शामिल तांती समाज के उम्मीदवारों ने अपने आवेदन में अनुसूचित जाति कोटि के आधार पर पान/सवासी जाति का दावा किया था. इन सभी उम्मीदवारों को अब अपने आवेदन को अत्यंत पिछड़ा वर्ग के तहत तांती-ततवा में सुधारना होगा. बीपीएससी ने इसके लिए उम्मीदवारों को 2 सितंबर से 23 सितंबर तक का मौका दिया है.
बता दें कि बीपीएससी ने बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण की पुनर्परीक्षा का आयोजन हुआ था. 19 जुलाई से 22 जुलाई तक राज्य में यह परीक्षा आयोजित हुई थी. जिसमें 3 लाख 75 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. इस परीक्षा का परिणाम अभी तक जारी नहीं हुआ है. सुप्रीम कोर्ट से आरक्षण का फैसला आने के बाद रिजल्ट उसी रूप में तैयार किया जा रहा है. जब राज्य में परीक्षा का आयोजन हुआ था तब 65 फीसदी आरक्षण नियम था. लेकिन कोर्ट ने इसे बदल दिया. जिसके बाद रिजल्ट पर भी इसका प्रभाव पड़ा है. टीआरई 3 की परीक्षा के बाद अब टीआरई 4 के लिए भी नोटिफिकेशन में देरी हो सकती है.