बीते दस दिनों से चल रहे किसान आंदोलन में किसानों को लेकर हरियाणा सरकार की तरफ से एक बड़ी घोषणा की गई थी. हरियाणा सरकार ने किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रिय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्यवाही करने की बात कही थी, जिसे गुरुवार को वापस ले लिया गया है.
अंबाला रेंज के आईजी सिबाश कबिराज ने जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा पुलिस ने किसान नेताओं के खिलाफ दर्ज किए जा रहे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही का फैसला वापस लिया है. यह भी कहा था कि राज्य की सीमाओं पर चल रहे, किसानो के विरोध प्रदर्शन में शामिल किसान नेताओं के खिलाफ NSA के तहत कार्रवाई शुरू की गई है. इस कानून का उपयोग कर आपराधिक गतिविधियों को रोका जाएगा और कानून व्यवस्था को बरकरार रखा जाएगा.
प्रदर्शनकारियों ने सीमा पर सरकारी और निजी संपत्ति को पहुंचाया नुकसान
13 फरवरी से दिल्ली चलो मार्च को लेकर शंभू बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेट्स को तोड़ने की कोशिश की थी. प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर इस दौरान पत्थरबाजी और हुड़दंग किया, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ गई थी. प्रदर्शनकारियों ने बॉर्डर पर सरकारी और प्राइवेट संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है. प्रदर्शन में 30 पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटे आई हैं और एक पुलिसकर्मी का ब्रेन हेमरेज हो गया है. वहीं अब तक तीन पुलिसकर्मियों की मौत भी हो चुकी है.
इस प्रदर्शन में किसान नेता सक्रिय रुप से शामिल हैं. किसान नेता ही कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. किसान नेताओं ने सोशल मीडिया के जरीए भड़काऊ भाषण का प्रचार-प्रसार किया हैं, जिससे सामाजिक सौहार्द भी बिगड़ रहा है. किसान आंदोलन की आड़ में किसान भयंकर उत्पात मचा रहे हैं.
इन्हीं सब वजहों से और आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 2(3) के तहत किसान संगठन के पदाधिकारियों को नजर बंद करने की कार्रवाई प्रशासन कर रहा है. ताकि आंदोलन के दौरान कानून व्यवस्था को कायम किया जा सके और सामाजिक सौहार्द बना रहे.
23 फरवरी को किसान आंदोलन में शामिल किसानों ने 21 साल के शुभकरण की मौत के विरोध में ब्लैक डे की घोषणा की है. पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर शुभकरण की मौत हो गई थी. गुरुवार को बैठक कर किसान नेताओं ने यह फैसला लिया था कि 2 दिनों के लिए किसान आंदोलन को रोका जाएगा और आज ब्लैक डे मनाया जाएगा. इसके अलावा 26 फरवरी को देशभर में ट्रैक्टर मार्च और 14 मार्च को दिल्ली में महापंचायत करने पर भी सहमति बनी है.