सोमवार को किसान आंदोलन के 14वें दिन भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) और अन्य किसान संगठनों ने ट्रैक्टर मार्च के सहारे अपने ताकत का प्रदर्शन किया.
13 फरवरी से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन एमएसपी गारंटी कानून समेत कई मांगों को लेकर हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनोरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं. आज किसानों ने दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे पर ट्रैक्टर मार्च निकाला. ट्रैक्टर मार्च में किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
पिछले दिनों ही ट्रैक्टर मार्च को लेकर किसान यूनियन ने ऐलान कर दिया था. किसानों ने यह कह दिया था कि गांव में एक भी ट्रैक्टर नहीं रहना चाहिए. सभी ट्रैक्टर को हाईवे पर ले आना है.
दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे पर किसानों का कब्जा
संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर आज भारतीय किसान यूनियन ने हरिद्वार से लेकर गाजीपुर बॉर्डर तक ट्रैक्टर की श्रृंखला बनाई. किसान-दिल्ली देहरादून नेशनल हाईवे पर ट्रैक्टर दिल्ली की तरफ से मुंह खड़ा करके प्रदर्शन कर रहे थे. किसानों का यह प्रदर्शन सुबह 11:00 बजे से दोपहर 3:00 तक देखने को मिला. इस दौरान दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे पर किसानों का कब्जा कई घंटे तक रहा.
किसानों ने यह भी ऐलान कर दिया था कि यह लड़ाई आर-पार की होगी. इसके बाद मुजफ्फरनगर में 8, मेरठ में चार और गाजियाबाद में 4 ट्रैक्टर श्रृंखला के पॉइंट पर पुलिस की नजर थी.
पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम पहले से ही तैयार कर रखे थे. ट्रैक्टर मार्च के ऐलान के बाद दिल्ली की सीमाओं पर अर्धसैनिक बलों की संख्या में इजाफा किया गया था. रिजर्व बटालियन को अलर्ट मोड पर रखा गया था. पुलिस ने कई स्तर पर सुरक्षा इंतजाम को भी पुख्ता रखा था. बैरिकेड, कंटेनर सभी चीजों की व्यवस्था कर सुरक्षाकर्मी तैनात थे.
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर किसानों को चढ़ने से पुलिस ने रोक लिया है. गाजियाबाद पुलिस ने मोदीनगर भोजपुर में ही किसानों को ट्रैक्टर के साथ रोक लिया. इसके बाद किसान ट्रैक्टर और ट्राली के साथ निवाड़ी गंगनहर पुल पर डेरा जमाए बैठे हैं.
इधर दिल्ली मेरठ रोड पर भी किसानों ने ट्रैक्टर मार्च से यातायात को प्रभावित करने की कोशिश की. इसके पहले ही पुलिस ने हापुड़ मार्ग पर ही किसानों को रोक लिया. इसके अलावा जेवर एसडीएम ने प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ बैठकर उनकी समस्याएं सुनी. एसडीएम के आश्वासन के बाद सड़क पर बैठे किसान वापस लौट गए.