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5 फसलों पर लाया गया MSP प्रस्ताव ठुकराया
5 फसलों पर लाया गया MSP प्रस्ताव ठुकराया
एक हफ्ते से ज्यादा समय से दिल्ली बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. रविवार को केंद्र सरकार की तरफ से मंत्री पियूष गोयल ने किसानों को पांच फसलों पर एमएसपी देने का प्रस्ताव दिया था, जिसे किसानों ने ठुकराया है.
केंद्र सरकार ने किसानों को एमएसपी पर 5 साल के कॉन्ट्रैक्ट का प्रस्ताव दिया था, जिस पर किसानों का कहना है कि मीडिया रिपोर्ट के आधार पर उन्हें पता चला है कि केंद्र सरकार A2+FL+50% के आधार पर एमएसपी का अध्यादेश लाने की योजना बना रही है. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि C2+50% से नीचे कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे.
किसानों के सामने मक्का, कपास, अरहर/तूर, मसूर और उड़द समेत पांच फसलों की खरीद को लेकर 5 सालों की गारंटी रखी गई थी. किसान मोर्चा ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह C2+50% फार्मूले के आधार पर ही एमएसपी की गारंटी चाहते हैं. किसान मोर्चा की ओर से जारी किए गए बयान में कहा है कि भाजपा ने खुद 2014 के चुनाव घोषणा पत्र में इसका वादा किया था, हमें फूल एमएसपी की गारंटी के अलावा कुछ भी मंजूर नहीं.
C2+50% का फार्मूला दरअसल स्वामीनाथन आयोग ने किसानों की उपज का मूल्य तय करने के लिए निकला था. जिसमें फसल की लागत, मजदूरी, खाद-बीज का मूल्य, बीमा जैसे के फैक्टर शामिल किए गए थे. वर्तमान में सरकार की ओर से एमएसपी तय करने के लिए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (कमिशन फॉर एग्रीकल्चरल कास्ट एंड प्राइसेस) की ओर से किया जाता है.
जिसमें A2+FL और C2 फार्मूले का इस्तेमाल किया जाता है. A2 में किसी खास फसल में लगी किसान की लागत, जैसे बीज, खाद, कीटनाशक, मजदूरों के मजदूरी, जमीन पर लगने वाला किराया, मशीनरी और फ्यूल की लागत होती है.
A2 लेवल को आगे ले जाया जाता है और इसमें कृषि कार्य के द्वारा दौरान किसान स्वयं और उनके परिवार के सदस्य द्वारा मुफ्त में किए गए काम का मूल्य शामिल करते हैं. इस तरह के रकम को A2+FL कहते हैं.
इसके अलावा अगर किसान खुद की जमीन पर खेती कर रहा है, तो उसे जमीन का अनुमानित किराया और खेती के दौरान लगने वाले फिक्स्ड कैपिटल पर दिए जाने वाला ब्याज भी A2 में शामिल किया जाए. इस तरह जो रकम बनती है उसे C2 कहते हैं.
सरकार का फैसला ठुकराए जाने के बाद अब किसान अपने संघर्ष को तेज करने के लिए 21 और 22 फरवरी को मीटिंग करेंगे. जिसमें आगे की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी.