पूर्व PM मनमोहन सिंह ने लिखा पत्र, कहा- "मोदी जी पहले प्रधानमंत्री, जिन्होंने सार्वजनिक चर्चा की गरिमा को कम किया

मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक चर्चा पर उत्सुकता से नजर रख रहा हूं. मोदी जी नफरत भरे भाषणों के सबसे वीभत्स रूप में शामिल हो गए हैं, जो पूरी तरह से विभाजनकारी प्रकृति के हैं.

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पूर्व PM मनमोहन सिंह ने लिखा पत्र

पूर्व PM मनमोहन सिंह ने लिखा पत्र

सातवे चरण के मतदान से पहले कांग्रेस ने जनता को साधने के लिए अपना पूरा जोर लगाया है. आज चुनाव प्रचार और वोट के लिए जनता से अपील करने का आखिरी दिन है. पीएम मोदी ने आज पंजाब की जनता से वोट मांगने के बाद अपने चुनाव प्रचार के रथ को रोक दिया हैं. पंजाब में पीएम ने कांग्रेस और india गठबंधन पर जमकर निशाना साधा है.

पीएम मोदी के प्रहार पर पलटवार करते हुए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने भी पंजाब की जनता के नाम एक खुला पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने पीएम मोदी पर प्रधानमंत्री पद की गरिमा को नीचे गिराने का आरोप लगाया. साथ ही देश में मंहगाई, किसान आंदोलन और अर्थव्यवस्था पर बीजेपी को घेरा.

मनमोहन सिंह का पत्र कांग्रेस के मीडिया एवं पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोगों के सामने रखा.

क्या है पत्र में

 मनमोहन सिंह द्वारा तीन पन्नों का पत्र 27 मई को पंजाब के निवासियों के लिए लिखा गया है. पत्र की शुरुआत करते हुए सिंह लिखते हैं “मेरे प्यारे देशवासियों, भारत एक अहम मोड़ पर खड़ा है. मतदान के अंतिम चरण में, हमारे पास यह सुनिश्चित करने का एक अंतिम मौका है कि लोकतंत्र और हमारे संविधान को भारत में तानाशाही कायम करने की कोशिश कर रहे निरंकुश शासन के बार-बार होने वाले हमलों से बचाया जाए.

पंजाब और पंजाबी योद्धा हैं. हम बलिदान की भावना के लिए जाने जाते हैं। समावेशिता, सद्भाव, सौहार्द और भाईचारे के लोकतांत्रिक लोकाचार में हमारा अदम्य साहस और सहज विश्वास हमारे महान राष्ट्र की रक्षा कर सकता है.

मनमोहन सिंह का पत्र

मनमोहन सिंह आगे लिखते हैं “पिछले दस सालों में भाजपा सरकार ने पंजाब, पंजाबियों और पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. 750 किसान, जिनमें से ज़्यादातर पंजाब के थे, दिल्ली की सीमाओं पर महीनों तक लगातार इंतज़ार करते हुए शहीद हो गए. जैसे कि लाठियां और रबर की गोलियां ही काफ़ी नहीं थीं, प्रधानमंत्री ने संसद में किसानों को "आंदोलनजीवी" और "परजीवी" कहकर मौखिक रूप से हमला किया. उनकी एकमात्र मांग थी कि उनसे सलाह किए बिना उन पर थोपे गए तीन कृषि कानूनों को वापस लिया जाए.

मोदी जी ने 2022 तक हमारे किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था. पिछले 10 वर्षों में उनकी नीतियों ने हमारे किसानों की कमाई को खत्म कर दिया है. किसानों की राष्ट्रीय औसत मासिक आय मात्र रु. 27 रुपए प्रतिदिन, जबकि प्रति किसान औसत कर्ज 27000 रुपए (NSSO) है. ईंधन और उर्वरक सहित इनपुट की उच्च लागत, कम से कम 35 कृषि संबंधी उपकरणों पर जीएसटी और कृषि निर्यात व आयात में मनमाने निर्णय ने हमारे किसान परिवारों की बचत को ख़त्म कर दिया है और उन्हें हमारे समाज के हाशिये पर छोड़ दिया है.

कांग्रेस ने दी किसान न्याय गारंटी

मनमोहन सिंह ने आगे पत्र में लिखा “कांग्रेस-यूपीए सरकार ने 3.73 करोड़ किसानों को 72,000 करोड़ की ऋण माफी प्रदान की, MSP में वृद्धि की, इसके दायरे को बढ़ाया, निर्यात को प्रोत्साहित करते हुए उत्पादन में वृद्धि की. इन सबका परिणाम हुआ कि हमारे कार्यकाल में पिछले 10 वर्षों की तुलना में कृषि में दोगुनी वृद्धि हुई.

कांग्रेस के घोषणापत्र की चर्चा करते हुए सिंह ने लिखा “कांग्रेस पार्टी ने हमारे घोषणापत्र में "किसान न्याय" के तहत 5 गारंटी दी हैं. इनमें शामिल हैं- MSP की कानूनी गारंटी, कृषि के लिए एक स्थिर निर्यात-आयात नीति, ऋण माफी कृषि वित्त आयोग,फसल के नुकसान के मामले में किसानों को 30 दिनों में बीमित मुआवजे का सीधा हस्तांतरण और जीएसटी को हटाना. कृषि इनपुट उत्पाद और उपकरण. मेरी राय में ये कदम कृषि सुधारों की दूसरी पीढ़ी के लिए माहौल प्रदान करेंगे.

पत्र में सिंह ने कोविड के दौरान कुप्रबंधन, नोटबंदी, GST में खामियां और कम GDP ग्रोथ की भी चर्चा की है.

युवाओं की चर्चा

पत्र में युवा बेरोजगारी की चर्चा करते हुए सिंह लिखते हैं “वर्तमान व्यवस्था में हमारा युवा वर्ग समाज का सबसे उपेक्षित वर्ग है. 30 लाख सरकारी नौकरियां खाली हैं. असंख्य पेपर लीक ने उनके भविष्य पर अंधेरा छा दिया है, यहां तक कि वे वर्षों तक भर्ती के लिए इंतजार करने को मजबूर हैं. कांग्रेस पार्टी की "युवा न्याय गारंटी इस संबंध में एक सुधार है.

हमने प्रतिबद्ध किया है कि 30 लाख रिक्तियों को नौकरी के अनुसार व्यवस्थित रूप से भरा जाएगा। कैलेंडर, उनमें से आधी नौकरियां महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, और हम पेपर लीक मामलों के लिए फास्ट-ट्रैक अदालतें स्थापित करेंगे.

साथ ही अग्निवीर की चर्चा करते हुए लिखा कि बीजेपी सोचती है कि देशभक्ति, वीरता और सेवा का मूल्य सिर्फ चार साल है. यह उनके फर्जी राष्ट्रवाद को दिखाता है. इसलिए कांग्रेस ने अग्निवीर योजना को ख़त्म करने का वादा किया है.

सिंह का पत्र

पंजाब का विकास किया

मनमोहन सिंह ने कांग्रेस शासन काल में पंजाब में हुए विकास की चर्चा करते हुए लिखा “अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, जो अब पूर्वी समर्पित फ्रंट कॉरिडोर का हिस्सा है, और अमृतसर, जालंधर और लुधियाना से होकर गुजरता है, हमारे कार्यकाल के दौरान लागू किया गया था. बठिंडा में एक नई ऑयल रिफाइनरी 2011 में स्थापित की गई थी, जिसमें तेल की 2200 किलोमीटर लंबी क्रॉस-कंट्री पाइपलाइन राष्ट्र को समर्पित की गई थी. हमने 2008 में रोपड़ में एक आईआईटी और 2006 में पटियाला में एक राष्ट्रीय कानून विश्वविद्यालय की स्थापना की.

शहीद भगत सिंह का स्मारक उनके उनके पैतृक गांव खटकड़ कलां में 2009 में बनाया गया. यूपीए सरकार ने गुरु ग्रंथ साहब की गुरुता-गद्दी की शताब्दी के हिस्से के रूप में तलवंडी साबो और आनंदपुर साहब के विकास के लिए पंजाब सरकार को धनराशि जारी की.

पीएम मोदी पर साधा निशाना

पत्र में आगे मनमोहन सिंह पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा “मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक चर्चा पर उत्सुकता से नजर रख रहा हूं. मोदी जी नफरत भरे भाषणों के सबसे वीभत्स रूप में शामिल हो गए हैं, जो पूरी तरह से विभाजनकारी प्रकृति के हैं. मोदी जी पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने सार्वजनिक चर्चा की गरिमा को कम किया है और इस तरह प्रधानमंत्री पद की गंभीरता को कम किया है.

सिंह ने लिखा “अतीत में किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के एक विशिष्ट वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए ऐसे घृणित, असंसदीय और असभ्य शब्द नहीं कहे हैं. उन्होंने कुछ गलत बयानों के लिए भी मुझे जिम्मेदार ठहराया है.' मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे समुदाय से अलग नहीं किया. वह एकमात्र कॉपीराइट भाजपा का है.

पत्र के अंत में मनमोहन सिंह ने लोगों से हाथ जोड़कर कांग्रेस को मतदान करने की अपील की और लिखा “भारत में प्रेम, शांति, भाईचारा और सद्भाव को एक मौका दें."

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