बिहार में पहले चरण के चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होने वाले हैं, इसके पहले अभी तक राज्य में दल बदलने का सिलसिला थमा नहीं है. चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले RJD के पूर्व सिपाही ने पार्टी को बड़ा झटका दिया और दूसरी पार्टी का दामन थाम लिया. राजद पार्टी के बुलो मंडल ने लालू यादव का साथ छोड़ते हुए सीएम नीतीश कुमार का साथ निभाने के लिए सदस्यता ली. गुरुवार को जदयू कार्यालय में मिलन समारोह के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने बुलो मंडल को जदयू की सदस्यता दिलाई.
मिलन समारोह के दौरान जादू कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, ललन सिंह, विजय चौधरी समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे.
जदयू का दामन थामने पर बुलो मंडल ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार के मुख्यमंत्री हैं. जब कटाव का काम 2006-07 में हो रहा था, तब मेरे अनुरोध पर सीएम ने मेरे यहां कार्यक्रम किया था, तब हम विपक्ष में थे. सीएम की विनम्रता और तत्परता का जिक्र करते हुए बुलो मंडल ने उनके योगदान की तारीफ की. वही राजद छोड़ने पर बुलो मंडल ने कहा कि अब उनको मेरी जरूरत नहीं रह गई है. मेरे जैसे लोगों की अब वहां कोई जरूरत नहीं है. जदयू बिहार को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहा है. इसलिए सब चीजों को देखते हुए मैंने जदयू को ज्वाइन किया.
वहीं कहा यह भी जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 में सीट बंटवारे के बीच भागलपुर सीट इंडिया अलायंस में कांग्रेस के खाते में गई थी. जहां से कांग्रेस ने अजीत शर्मा को उम्मीदवार बनाया, जिससे बुलो मंडल नाराज चल रहे थे. इसी वजह से उन्होंने राजद का साथ छोड़ दिया.
भागलपुर के बड़े चेहरे माने जाने वाले बुलो मंडल 2014 के लोकसभा चुनाव जीत कर सांसद बने थे. हालांकि पिछले चुनाव में बुलो मंडल को ही हार मिली थी. 2019 के चुनाव में बुलो मंडल अजय मंडल से हार गए थे. इधर जदयू विधायक गोपाल मंडल भी भागलपुर सीट से चुनावी मैदान में उतरना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया.
बुलो मंडल के जदयू में आने का टारगेट 2024 चुनाव नहीं बल्कि 2025 चुनाव को देखा जा रहा है. भागलपुर के पूर्व सांसद बुलो मंडल को 2025 के विधानसभा चुनाव में जदयू कोटे से प्राथमिकता दी जा सकती है.