बिहार के स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर हमेशा उसकी किरकिरी होती है. मगर राज्य की स्वास्थ्य सेवा ने देश में पहला स्थान हासिल कर सभी को चौका दिया है. दरअसल सरकारी अस्पताल में मरीजों के लिए नि:शुल्क दवाओं का वितरण पूरे देश में किया जाता है, जिसमें बिहार ने पहला स्थान हासिल किया है. आवश्यक दवा वितरण आपूर्ति और आयोग में 77.22 फ़ीसदी स्कोर के साथ बिहार पहले पायदान पर है, जबकि दूसरे स्थान पर 76.91 फ़ीसदी स्कोर के साथ राजस्थान और तीसरे पर 69.14 फ़ीसदी स्कोर के साथ तेलंगाना राज्य है.
बुधवार को परिवार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सितंबर की मासिक रैंकिंग जारी की, जिसमें दावा स्टॉक से लेकर वितरण तक 11 मानकों पर बिहार ने देश में पहला स्थान हासिल किया. राज्य में इसकी शुरुआत 2005-06 में सीएम नीतीश कुमार ने की थी. नि:शुल्क दवा वितरण की प्रक्रिया को 2005 में सुधार के साथ शुरू किया गया था. 2006 में बिहार ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन अपनाया गया, जिसके तहत मुफ्त दवा वितरण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पतालों और उप स्वास्थ केन्द्रों पर भी शुरू किया गया.
इसके बाद साल 2011 में केंद्र सरकार की सिफारिश के बाद बिहार ने सरकारी अस्पतालों में अधिक दवा मुफ्त वितरण योजना शुरू की. इस योजना के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी आवश्यक दवाओं को मुफ्त में देने की शुरुआत की. आवश्यक दवाओं की सूची में 611 दवाई शामिल है. सरकारी अस्पताल में भर्ती होने वाले या ओपीडी में आने वाले मरीजों को यह आवश्यक दवाई मुफ्त में दी जाती है.