बिहार में गंगा समेत कई नदियां उफान पर हैं. नदियों के बढ़ रहे जलस्तर के कारण आम जन जीवन अस्त-वयस्त हो गया है. पानी के बढ़ने से लोगों ने अपना ठिकाना बदल लिया है. राज्य के कई जिलों के गांव में बाढ़ का पानी घरों, दूकानों और स्कूलों तक में घुंस गया है जिससे सूबे के 500 से ज्यादा स्कूलों में पढाई रुक गई है.
बिहार की राजधानी में गंगा का पानी बढ़ जाने से 76 सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया है. 21 सितंबर तक ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है. पटना जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह द्वारा जारी हुए बयान के मुताबिक गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर जिले के आठ प्रखंडों में 76 सरकारी स्कूलों को 21 सितंबर तक बंद रखा जाएगा. यह फैसला ग्रामीण इलाकों के शिक्षकों और बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है.
राजधानी के अलावा बक्सर और भागलपुर में भी स्कूलों को बंद किया गया है. सोनपुर, गंडक, फल्गु समेत कई नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. पटना- बक्सर हाईवे के उत्तर इलाकों में भी पानी फैल चुका है, जिससे सड़कों पर आवगमन ठप हो गया है. ऐसे में जिले के आसपास के गांव बाढ़ से जूझ रहे हैं. गांव टापू में बदल चुका है. बच्चे स्कूल छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. बक्सर में भी गांव के स्कूलों को पानी कम होने तक तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है. बक्सर में पांच सरकारी स्कूलों को पानी बढ़ने के कारण बंद किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स में छपी खबर के मुताबिक बिहार के पांच जिलों के लगभग 550 स्कूलों को बाढ़ के कारण बंद किया गया है.