पटना में सोमवार को अतिथि शिक्षकों के ऊपर पुलिस ने खूब लाठियां बरसाई. पटना की सड़कों पर अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर मारा. सीएम आवास के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे अतिथि शिक्षकों से पुलिस की नोक-झोंक हो गई, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज का आदेश दे दिया.
4000 से ज्यादा अतिथि शिक्षकों की सेवा 31 मार्च को समाप्त हो गई. सेवा समाप्त होने से यह सभी शिक्षक नाराज होकर बहाली और स्थाई नौकरी की मांग के लिए सीएम आवास पर प्रदर्शन करने पहुंचे. सभी शिक्षक सीएम आवास के बाहर इकट्ठा होकर सोमवार की दोपहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन आचार संहिता के उल्लंघन का हवाला देते हुए पुलिसकर्मियों ने शिक्षकों की पिटाई कर दी.
4000 से ज्यादा अतिथि शिक्षक बेरोजगार
घायल शिक्षकों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि वह सभी पुलिस से गुहार लगाते रहे कि उन्हें सिर्फ नौकरी चाहिए, लेकिन पुलिस ने उनकी एक ना सुनी. इस लाठीचार्ज में कई शिक्षकों को गंभीर चोटे भी आई हैं.
बता दें कि 4000 से ज्यादा अतिथि शिक्षक 6 साल से बिहार की कई उच्च माध्यमिक स्कूलों में पढ़ा रहे थे. शिक्षा विभाग ने 31 मार्च को इन सभी की सेवाओं को समाप्त कर दिया. विभाग ने कहा कि क्लास 9वी दसवीं के लिए 37,947 और 11वीं 12वीं के लिए 56,891, उच्च माध्यमिक स्कूलों में कुल 94,738 शिक्षकों को नियुक्त किया गया है, इसलिए अब गेस्ट टीचर की जरूरत नहीं है.
एक यह दौर है जब अतिथि शिक्षकों को सेवा पूरी करने के बाद उनके साथ ऐसा सुलूक किया जा रहा है. रोजगार की मांग करने पर उन पर लाठियां बरसाई जा रही है. लेकिन राज्य में एक ऐसा भी चुनावी दौर देखा गया था जब लाखों-लाख शिक्षकों को बहाल किया गया था. राज्य में शिक्षकों की भारी कमी थी जिसे सीएम नीतीश कुमार और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कई सालों के बाद देखा और नौकरियां बांटी. पिछले साल से ही शिक्षकों को नौकरी देने का कार्यक्रम शुरू किया गया था, हालांकि चुनाव के पहले नौकरी कार्यक्रम का यह सिलसिला थम गया है. चुनाव के पहले हुए शिक्षक भर्ती परीक्षा में कई गड़बड़ियां देखी गई और अब अतिथि शिक्षकों को भी नजरंदाज किया जा रहा है.