बांग्लादेशी घुसपैठ पर झारखंड HC में हुई सुनवाई, केंद्र ने बताया 16 फीसदी घटी आदिवासियों की आबादी

डेमोग्राफिक बदलाव से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र ने काउंटर एफिडेविट दाखिल किया. जिसके अनुसार संथाल परगना में आदिवासी आबादी में 16 फ़ीसदी कमी हुई है.

New Update
बंगलादेशी घुसपैठ पर सुनवाई

बंगलादेशी घुसपैठ पर सुनवाई

गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में बांग्लादेशी घुसपैठ और डेमोग्राफिक बदलाव को लेकर सुनवाई हुई. जिसमें केंद्र की ओर से जवाब दाखिल किया गया. डेमोग्राफिक बदलाव से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र ने काउंटर एफिडेविट दाखिल किया. जिसके अनुसार झारखंड के संथाल परगना में आदिवासी आबादी में 16 फ़ीसदी की कमी दर्ज हुई है. केंद्र के मुताबिक संथाल परगना में ट्राइबल आबादी 44 फ़ीसदी से घटकर 28 फीसदी हो गई है. इसके पीछे का कारण केंद्र ने पलायन और धर्मांतरण बताया है.

जवाब में केंद्र ने यह भी बताया कि संथाल परगना के छह अलग-अलग जिलों में मुस्लिम आबादी बढ़ रही है, जो करीब 20 से 40 फ़ीसदी तक बढ़ गई है. सबसे अधिक पाकुड़ और साहिबगंज में मुस्लिम आबादी में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साथ ही इन इलाकों में ईसाइयों की संख्या 6000 गुना बढ़ी है.

झारखंड हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनाई करते हुए पिछली बार यूआइडीएआइ से भी जवाब मांगा था. आज यूआइडीएआइ ने भी जवाब दाखिल किया है. यूआइडीएआइ के अनुसार आधार यूनिक पहचान जरुरी हो सकता है, लेकिन यह नागरिकता का आधार नहीं हो सकता.

दरअसल झारखंड में लगातार बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण मुस्लिम जनसंख्या बढ़ने और डेमोग्राफिक बदलाव का आरोप लग रहा है. जिस पर एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने सुनवाई की है. इसके पहले 5 सितंबर को भी इस जनहित याचिका पर सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने केंद्र से जवाब दाखिल करने कहा था. आज केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल ऑफ़ इंडिया तुषार मेहता पेश हुए.

Bangladeshi infiltration in Jharkhand jharkhand HC Jharkhand Highcourt News