सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में बिहार में गिर रहे पुलों को लेकर याचिका पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बिहार और केंद्र सरकार दोनों से जवाब मांगा है. शीर्ष अदालत में दायर याचिका में मांग की गई है कि बिहार में सभी पुलों का ऑडिट कराया जाए, ताकि पुलों की हालत का पता चल सके. इसके साथ ही मौजूदा समय में बन रहे सभी पुलों की निगरानी की व्यवस्था भी बनाई जाए.
राज्य में छोटे-बड़े पुल मिलाकर अब तक कुल 15 पुल गिर चुके हैं. इनमें से 12 पुल मात्र दो हफ्ते में गिर गए थे. इस मामले पर बिहार के बृजेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें कमजोर पुलों को गिराने का निर्देश भी देने के लिए मांग की गई है. वकील बृजेश सिंह ने अपनी याचिका में कहा कि बिहार में पुलों की बेहद दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से गिरने के संबंध में याचिका दाखिल होने तक अररिया जिले में 6 पुलों के गिरने की खबर है. इनमें से ज्यादातर पुल नदी पर बने हैं. सिवान, मधुबनी, किशनगंज और अन्य जगहों पर पुल गिरने की घटना का भी जिक्र वकील ने अपनी याचिका में किया है.
याचिकाकर्ता ने मांग की है कि बिहार में बने पुराने और निर्माणाधीन सभी पुलों की वास्तविक समय निगरानी के लिए उचित नीति बनाने का निर्देश दिया जाना चाहिए. इसके अलावा बिहार के सभी पुलों के लिए सेंसर का उपयोग करके उसकी मजबूती की निगरानी के लिए भी दिशा निर्देश जारी करने के लिए गुहार लगाई है.