झारखंड में लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के जेल जाने का मुद्दा चलता रहा. हेमंत सोरेन के जेल जाने के मुद्दे को उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने चुनावी भाषणों में खूब भुनाया. इसके अलावा विपक्ष की ओर से भी हेमंत सोरेन के जेल जाने पर प्रहार होता रहा. चुनाव खत्म होने के बाद नतीजे भी जारी हो गए हैं, लेकिन अब भी हेमंत सोरेन का जेल जाना एक सियासी मुद्दा बना हुआ है. दरअसल हेमंत सोरेन के सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट डालकर 84 वर्षीय जेसुइट पादरी और आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी की हिरासत में अनुचित मौत पर सवाल उठाया गया है. पोस्ट में कहा गया कि 84 वर्ष पादरी और आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता की हिरासत में हुई अनुचित मौत, जो कि भारत के लोकतंत्र और मानव अधिकारों की स्थिति पर एकल धब्बा है, उसका बदला लेने की शुरुआत है.
इस पोस्ट के जरिए हेमंत सोरेन को भी जेल में खतरा बनाया गया है. इन केस का हवाला देते हुए कहा गया कि जैसे सबसे कमजोर वर्ग के लिए आवाज उठाने वाले फादर स्टेन को चुप कराया गया, इसी तरह का जुल्म हेमंत सोरेन पर हो रहा है. पोस्ट में आगे लिखा गया कि जरूरत है हर एक झारखंडी को हेमंत सोरेन के पक्ष में मजबूती के साथ खड़े होने की, वरना यह झारखंड भी मणिपुर हो जाएगा.
जेल में तबीयत बिगड़ने के कारण
फेसबुक पर हुए इस पोस्ट में फादर स्टेन स्वामी की तस्वीर भी डाली गई है. पोस्ट में आगे लिखा गया कि दशकों से आदिवासी समुदायों के अधिकारों के लिए वकालत और उनके हक की लड़ाई लड़ने वाले फादर को 25 पैसे का स्ट्रॉ पानी पीने के लिए नहीं दिया गया. जेल में बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण फादर स्टेन की 5 जुलाई 2021 को हिरासत में मौत हो गई.
हेमंत सोरेन के ऊपर जुल्म के आरोपों पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जवाब दिया है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अगर जेल में उनपर यातनाएं की जा रही हैं, तो न्यायालय से अनुरोध कर सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक करवाएं. मरांडी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि हेमंत सोरेन जी, आपको बड़ी तमन्ना थी लोगों को उठा कर जेल में डालने की. सत्ता के अहंकार में आपने सैकड़ों निर्दोषों को जेल में डाला. तब आपको ना तो मानवाधिकार का ख्याल आया, ना जेल के अंदर की बदतर हालातों का... लेकिन ईश्वर का न्याय देखिए कि जिस 'जेल के खेल' को आपने शुरू किया, अपने कुकर्मों के कारण आप भी उसी खेल का शिकार हो गए!