झारखंड में गायब हो रहे तालाबों पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

रांची में कभी 71 तालाब होने की बात सरकार ने बताई थी. इनमें से अधिकांश तालाबों का अस्तित्व नहीं रहा. कोर्ट ने कहा कि सरकार बताएं कि गायब हुए तालाबों के पुनरुद्धार के लिए क्या योजना बनी है.

New Update
झारखंड में गायब हो रहे तालाब

झारखंड में गायब हो रहे तालाब

झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में गायब हो रहे तालाबों को लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. झारखंड हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एसएन प्रसाद, जस्टिस एके राय की खंडपीठ ने शुक्रवार को रांची के आसपास के तालाबों पर अतिक्रमण के मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई की. जिस दौरान अदालत ने कहा कि रांची में कभी 71 तालाब होने की बात सरकार ने बताई थी. इनमें से अधिकांश तालाबों का अस्तित्व नहीं रहा. कोर्ट ने कहा कि सरकार बताएं कि गायब हुए तालाबों के पुनरुद्धार के लिए क्या योजना बनी है.

हाईकोर्ट ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर भी रांची नगर निगम की ओर से की गई कार्रवाई के संबंध में जवाब मांगा. कोर्ट ने कहा कि विद्यापति नगर के एक तालाब को कचरे से भर दिए जाने को लेकर हस्तक्षेप याचिका दाखिल की गई थी. जिस पर अदालत ने सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा. इस मामले पर अगली सुनवाई 20 सितंबर को निर्धारित है.

रांची के बड़े तालाब से पानी की बदबू आने पर भी नगर निगम से जवाब मांगा. कोर्ट ने पूछा कि तालाब के आसपास के सभी नल को ट्रीटमेंट प्लांट से क्यों नहीं जोड़ा गया है. इस पर नगर निगम ने सफाई देते हुए कहा कि बड़े तालाब में ई-बॉल डाला गया है, लेकिन उसका असर नहीं हो रहा है.

बता दें कि हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि रांची के धुर्वा, कांके और गेतलसूद डैम के आसपास अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई जरूरी है. डैम के कैचमेंट एरिया का अतिक्रमण हो रहा है, जिस कारण तीनों डेमो के पानी संरक्षित रखने की क्षमता पर भी असर पड़ रहा है. राज्य सरकार ने बताया कि रांची शहर के कांके, धुर्वा और गेतलसूद डैम में पिछले 5 साल में पानी की स्थिति को लेकर झारखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर की ओर से सर्वे किया गया है.

disappearing ponds in Jharkhand jharkhand news Jharkhand Highcourt News