हिमाचल प्रदेश की सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. बुधवार की सुबह से ही हिमाचल प्रदेश के सत्ताधारी विधायकों से बगावत की खबरें आ रही है. जिसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के भी सरेंडर करने के बाद सामने आई थी.
सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस्तीफ़े की खबर ने सभी को चौंका कर रख दिया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री को खुद सामने आकर अपने इस्तीफ़े की खबर का खंडन करना पड़ा है. सीएम सुखविंदर सिंह ने साफ तौर पर इस्तीफा नहीं देने की बात कही है. उन्होंने कहा कि भाजपा यह अफवाह फैला रही है. जिन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की वह भी हमारे संपर्क में है. बीजेपी पार्टी को तोड़ना चाहती है लेकिन कांग्रेस एक साथ है.
40 विधायक को राज्यसभा चुनाव में मिली हार
सुक्खू ने आगे कहा कि उनकी सरकार पूरे 5 साल चलेगी. भाजपा के कई विधायक उनके संपर्क में है. मीडिया में चल रही खबरों का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि वह योद्धा है और युद्ध को युद्ध की तरह लड़ते रहेंगे.
मंगलवार से हिमाचल प्रदेश की सरकार पर संकट के बादल मंडल आ रहे हैं. हिमाचल प्रदेश के 40 विधायक वाली कांग्रेस का उम्मीदवार राज्यसभा चुनाव में हार गया. राज्यसभा चुनाव में 6 कांग्रेस और 3 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा के हक में वोटिंग कर दी. राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को जीत मिली.
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने भी हिमाचल प्रदेश में चल रही इस राजनीतिक हलचल को लेकर ट्वीट किया है. प्रियंका गांधी ने लिखा है कि 25 विधायक वाली भाजपा, 43 विधायकों के बहुमत वाली कांग्रेस को चुनौती दे रही है. साफ है वह खरीद-फरोख्त पर निर्भर है.
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा सत्र चल रहा है, जहां आज विपक्ष की गैर मौजूदगी में 2024-25 का बजट पास किया गया और अनिश्चितकाल के लिए विधानसभा को स्थगित कर दिया गया.
इसके बाद आज सुबह वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देते हुए उन्होंने अपने पिता, अपने विधायकों के अपमान का आरोप लगाया. उनके इस्तीफा के बाद यह भी कहा जा रहा है कि जल्द ही हिमाचल प्रदेश में सरकार बदलेगी और बागी विधायक नए सीएम के तौर पर विक्रमादित्य का चुनाव करेंगे.