बिना खेले बिहार कैसे आगे बढ़ेगा, राज्य में खेल व्यवस्था बदहाल

वित्तीय वर्ष 2023-24 बजट में शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति के क्षेत्र में 42,381 करोड़ रुपए की राशि आवंटित हुई थी. वहीं राज्य के सिर्फ 17 जिलों में ही जिला खेल पदाधिकारी हैं.

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राज्य में खेल व्यवस्था बदहाल

राज्य में खेल व्यवस्था बदहाल

बिहार के राजगीर में बनने वाला राज्य स्पोर्ट्स अकादमी सह अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम अभी निर्माणाधीन है. 90 एकड़ भूमि में बनने वाले इस स्टेडियम की लागत 740 करोड़ रूपए है. वित्तीय वर्ष 2023-24 बजट में शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति के क्षेत्र में 42,381 करोड़ रुपए की राशि आवंटित हुई थी.

राजस्थान अपने खेल पर 2500 करोड़ रुपए, हरियाणा 566.04 करोड़ और ओडिशा 1,217 करोड़ रुपए सिर्फ खेल पर ख़र्च करती है.

खेलों की दुर्दशा

बिहार में खेल की दुर्दशा इस बात से समझी जा सकती है कि राज्य के 38 में से सिर्फ 17 जिलों में ही जिला खेल पदाधिकारी हैं. इन जिला खेल पदाधिकारीयों को कभी-कभी जिलों में कोच का भी काम करना पड़ता है. मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण बिहार के अनेक प्रतिभावान खिलाड़ियों को दूसरे राज्य जाना पड़ता है. बिहार में खेल विश्वविद्यालय बनने या खेल के लिए बेहतर माहौल और सुविधा मिलने से खिलाड़ियों को अपने ही राज्य में बेहतर सुविधा मिल सकती है. 

बिहार से ओलंपिक और पारा ओलंपिक में आज तक मात्र 9 खिलाड़ियों ने ही भाग लिया है. खेलो इंडिया रिपोर्ट के अनुसार टोक्यो ओलंपिक 2020 में बिहार से एक भी खिलाड़ी ने भाग नहीं लिया जबकि हरियाणा से सर्वाधिक 29 और पंजाब से 16 खिलाड़ियों ने भाग लिया था.

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