लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच में गहमा- गहमी जारी है. पार्टियों पर यह प्रेशर है कि वह चुनाव में वोटरों से अपनी पार्टी के लिए वोट जुटाए, तो इधर इलेक्शन कमीशन के ऊपर इलेक्शन को शांतिपूर्ण तरीके से कराने की बड़ी जिम्मेदारी है. इलेक्शन के पहले सोमवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में इलेक्शन कमिशन की अहम बैठक बुलाई गई.
इलेक्शन कमीशन के इस बैठक में देश के तमाम राज्यों से आए चुनावी पर्यवेक्षक मौजूद रहे. सेंट्रल इलेक्शन कमिशन की ओर से बुलाई गई इस बैठक को आगामी चुनाव को देखते हुए बहुत अहम माना जा रहा है. इस बैठक में आने वाले चुनाव को किस तरह से संपन्न करवाना है, कैसे चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करना है, इन सभी मुद्दों पर मंथन किया गया.
विज्ञान भवन में चुनाव आयोग की बैठक
दिल्ली में आयोजित इस बैठक में विज्ञान भवन के बाहर होर्डिंग लगाया गया जिस पर साफ लिखा है कि आज की यह बैठक लोकसभा चुनाव के साथ होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर हो रही है.
लोकसभा चुनाव के साथ कई राज्यों के विधानसभा चुनाव भी सर पर है, जिनकी तारीखों का ऐलान लोकसभा चुनाव के साथ ही किया जाने वाला है. मालूम हो कि लोकसभा चुनाव के पहले इलेक्शन कमिशन की टीम ने अलग-अलग चुनावी राज्यों का दौरा किया. जिस दौरान तमाम चुनावी चुनौतियों को लेकर बैठक की गई.
इधर कहा जा रहा है कि इलेक्शन कमीशन चुनाव की तारीखों का ऐलान तब करेगा जब खाली पड़े दो चुनाव आयुक्त के पदों पर नियुक्ति होगी. बीते दिनों अरुण गोयल के इस्तीफ़े और अनुपम पांडे के रिटायरमेंट के बाद से ही दो पद खाली है. शनिवार को चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से इस्तीफा दिया था. चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार अकेले चुनाव आयुक्त बचे हुए हैं. खबरों के मुताबिक 15 मार्च से पहले इन पदों पर नियुक्तियां कर ली जाएंगी और चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा.