बिहार पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक मामले में पूर्व डीजीपी एसके सिंघल पर बड़ी कार्रवाई होने जा रही है. परीक्षा में लापरवाही और नियमों की अनदेखी करने के आरोप में आर्थिक अपराध इकाई(ईओयू) ने उनपर नकेल कसने की तैयारी की है. ईओयू ने इस मामले में केंद्रीय चयन परिषद सिपाही भर्ती के तत्कालीन अध्यक्ष पूर्व डीजीपी सिंघल को दोषी पाया है. कार्रवाई के लिए ईओयू के एडीजी ने मौजूदा डीजीपी को तमाम सबूतों के साथ अनुशासनिक कार्रवाई शुरू करने की अनुशंसा की है. जिसके लिए मौजूदा डीजीपी को पत्र भेजा गया है.
पेपर लीक की जांच की एसआईटी ने पूरी कर ली है, जिसमें पाया गया कि सिपाही परीक्षा में परिषद अध्यक्ष ने लापरवाही और नियमों की अनदेखी की थी. परीक्षा में उन्होंने अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया. जिस कारण सुनियोजित तरीके से एक संगठित अपराधिक पेपर लीक हुआ. हालांकि एसआईटी को जांच में सिंघल के खिलाफ आपराधिक गतिविधि से संबंधित होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं.
सिपाही पेपर लीक मामले में अब तक पूर्व डीजीपी से चार बार पूछताछ हो चुकी है. जिस दौरान उन्हें कई तथ्यों पर दोषी पाया गया है. इनमें से पूर्व डीजीपी एसके सिंघल कई तथ्यों का जवाब नहीं दे पाए, जिसमें परीक्षा के पेपर छपाई और अन्य गोपनीयता कामों की जिम्मेदारी कोलटेक्स मल्टी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दी गई थी. जबकि इस कंपनी के पास सिर्फ 2 साल का अनुभव था.
बता दें कि बिहार पुलिस में 21 हजार 391 पदों की बहाली के लिए जनवरी 2023 में विज्ञापन निकला था. परीक्षा अक्टूबर 2023 में दो पालियों में आयोजित की गई थी. हालांकि परीक्षा के पहले ही प्रश्न पत्र और उत्तर सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे, जिसे लेकर राज्य के कई जिलों में केस दर्ज किया गया था. ईओयू ने भी 31 अक्टूबर 2023 को मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. जिसमें 16 लोगों के खिलाफ इस साल अगस्त में पहली चार्जशीट दायर की गई. जल्द ही केस में सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल की जाएगी.