हेमंत कैबिनेट की पहली बैठक में मंत्रियों को मिली बड़ी जिम्मेदारी, विभागों की समीक्षा का अल्टीमेटम

सीएम ने कहा कि आने वाले समय में राज्य को बेहतर दिशा देने के लिए 15-16 पॉइंट बनाए गए हैं, जो आगे की रूपरेखा तय करेंगे. मंत्री दो महीने में सभी विभागों की समीक्षा करेंगे.

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हेमंत कैबिनेट की पहली बैठक

हेमंत कैबिनेट की पहली बैठक

झारखंड में मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे के बाद कैबिनेट की पहली बैठक आयोजित हुई. सीएम हेमंत सोरेन ने सभी विभागों के मंत्रियों के साथ बैठक की, जिसमें मंत्रियों को दो महीने में अपने विभागों की समीक्षा करने का निर्देश दिया है. सीएम ने कहा कि आने वाले समय में राज्य को बेहतर दिशा देने के लिए 15-16 पॉइंट बनाए गए हैं, जो आगे की रूपरेखा तय करेंगे. इन पॉइंट पर विस्तार में बात करते हुए सीएम ने कहा कि रांची ही नहीं अन्य जिला कार्यालय तक में बैठकर होगी और मंत्री इसकी समीक्षा करेंगे. दो महीने में सभी विभागों की समीक्षा मंत्री करेंगे और पदाधिकारी की कार्यकुशलता पर भी ध्यान रखेंगे. इन सभी चीजों से मुझे अवगत कराया जाएगा.

जिन बिंदुओं पर मंत्री परिषद बैठक में मुख्य रूप से चर्चा हुई, उनमें मंत्रियों को मंत्रिपरिषद में भेजे जाने वाले प्रस्तावों पर स्वयं संतुष्ट होना. प्रस्तावों के लिए वित्त विभाग, विधि विभाग, कार्मिक विभाग से संपर्क रखना, ताकि ससमय मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रस्ताव आ सके.

सभी विभाग के मंत्री अपने-अपने जिला के क्षेत्रीय कार्यालय में जाकर विभागीय कार्यों की समीक्षा करेंगे. साथ ही विभागीय योजना के लाभुको से मुलाकात कर, फीडबैक लेंगे. मंत्री वैसी योजनाएं जो बहुत दिनों से लंबित है, उनके लंबित होने के कारण की समीक्षा करेंगे और उसे पूरा करने के लिए कार्यवाही करेंगे. ऐसी योजनाएं जिसमें बदलाव जरूरी है या कुछ प्रावधान के कारण उसे पूरा करने में परेशानी हो रही है, उसके निवारण का प्रस्ताव लाएंगे.

राज्य के विभागों में जिन भी योजनाओं से कोई क्षेत्र छूटा हुआ है, खासकर दुर-दराज का क्षेत्र, एससी-एसटी क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र उसके लिए योजना के प्रस्ताव पर विचार करने का टास्क भी मंत्रियों को दिया गया है. भवन इंफ्रास्ट्रक्चर वाली योजना की समीक्षा करना, वर्ष 2025-26 में ली जाने वाली योजनाओं की रूपरेखा तैयार करना. अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी के प्रोन्नति की स्थिति की समीक्षा करना. आप्त सचिन, निजी स्टाफ रखते समय उसके पृष्ठभूमि की जांच करने का निर्देश भी सीएम ने दिया है.

इसके अलावा कोर्ट केस मामलों की समीक्षा करने के लिए मंत्रियों को कहा गया है. विधानसभा क्षेत्र से बाहर के जिलों में भ्रमण करने और वहां की समस्याओं का निपटारा करने, क्षेत्रीय पदाधिकारी के बारे में क्षेत्र भ्रमण कर फीडबैक लेने, स्थानीय जन प्रतिनिधियों से मिलने की तारीख निर्धारित करने और समय-समय पर विभाग की उपलब्धियां को प्रेस कांफ्रेंस के जरिए साझा करते रहने के लिए भी सीएम ने मंत्रियों को कहा है.

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