बिहार के 27 जिलों में दवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार औषधि भंडार खोले जा रही है. राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और अन्य अस्पतालों में दवाओं की सुविधा समय पर मौजूद रहे, इसके लिए सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 27 जिलों में औषधि भंडार खोलने की योजना है. इसके पहले चरण में 20 जिलों में इसे शुरू किया जाएगा. एक औषधि भंडार केंद्र के निर्माण पर 85 लाख रुपए खर्च होंगे, जिनके निर्माण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत दो वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 के लिए आवंटित राशि का इस्तेमाल होगा. अभी इस योजना मद में कुल 17 करोड़ रुपए आवंटित हुए हैं.
स्वास्थ्य विभाग ने औषधि भंडार केंद्र को सदर अस्पतालों या सिविल सर्जन कार्यालयों में बनाने का फैसला किया है. इसके लिए सभी जिलों के सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है कि अस्पताल और कार्यालयों में कम से कम 8000 वर्ग फीट जगह चिन्हित कर विभाग को जानकारी दी जाए.
पहले चरण में औरंगाबाद, बांका, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, कैमूर, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पूर्णिया, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, सीतामढ़ी, सिवान और सुपौल में औषधि केंद्र बनाए जाएंगे. दूसरे चरण में पटना, दरभंगा, अररिया, बक्सर, शेखपुरा, गया और पश्चिम चंपारण में केंद्र खोले जाएंगे. इन केंद्रों पर सरकार की ओर से दवाओं की आपूर्ति होगी, जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चलाया जाएगा.