चुनाव के आते हैं राजनीतिक पार्टियों में उथल-पुथल मच जाती है. कभी कोई एक पार्टी को छोड़कर दूसरे पार्टी में चला जाता है तो कभी कोई पार्टी के पदों से इस्तीफा देना शुरु कर देता है. इसकी शुरुआत बिहार की राजनीति में हो चुकी है .
अगले साल लोकसभा चुनाव के ठीक 1 साल पहले ही बिहार में राजनीतिक गलियारे से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है. दरअसल बिहार की सत्ताधारी पार्टी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वैसे तो जदयू में फुट की खबर काफी दिनों से तमाम विपक्षी पार्टीयां कर रही थी. कई विपक्षी पार्टियों ने कहा था कि जदयू के कई नेता-मंत्री आने वाले दिनों में पार्टी छोड़ सकते हैं, जिसका पहला नमूना आज देखने को मिला है. मंगलवार को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पार्टी अध्यक्ष का इस्तीफा नीतीश कुमार को भेजा है. ललन सिंह ने अपना इस्तीफा जदयू के 29 दिसंबर को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक से पहले नीतीश कुमार को सौंपा है.
ललन सिंह के इस्तीफ़े के बाद अब यह पद नीतीश कुमार के संभालने के आस हैं. सुशील कुमार मोदी ने भी पहले यह आशंका जताई थी कि नीतीश कुमार की पार्टी में बहुत जल्द उथल-पुथल होनी है. लेकिन नीतीश कुमार ने अटल बिहारी वाजपेयी के जयंती के मौके पर सब कुछ ठीक बताया था.
भाजपा नीतीश और लालू यादव से लड़ने को तैयार
ललन सिंह के पार्टी छोड़ने पर बिहार में सियासी पारा थोड़ा चढ़ता हुआ नजर आ रहा है. भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने ललन सिंह के इस्तीफा को लेकर बयान दिया है. चौधरी ने कहा है कि ललन सिंह के इस्तीफे से यह स्पष्ट माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार और लालू यादव से लड़ने के लिए तैयार है. इन दोनों पार्टियों को 2024 में हराने का काम भाजपा बखूबी करेगी. और बात रही ललन सिंह की तो उन्होंने पार्टी को एक केयर टेकर की तरह संभाला है. ललन सिंह नीतीश कुमार की पार्टी का हर काम संभालते थे और गठबंधन की गतिविधियों पर भी नजर बनाए रखते थे.
वैसे बात करें नीतीश कुमार के साथ छोड़ने की तो नीतीश कुमार से अपना नाता काटने वाले लोगों की एक लंबी लिस्ट बनी हुई है. जिसमें जॉर्ज फर्नांडिस, शरद यादव, आरसीपी सिंह, उपेंद्र कुशवाहा, प्रशांत किशोर भी शामिल है. प्रशांत किशोर ने पार्टी छोड़ने के बाद अपनी खुद की एक पद यात्रा निकाली थी. आने वाले चुनाव में वह भी सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ नजर आ सकते हैं.
ललन सिंह के पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अब राजनीति में किस तरह से बदलाव लाता है. यह आने वाले दिनों में सामने आएगा. पार्टी के अध्यक्ष पद को ललन सिंह ने आरसीपी सिंह के इस्तीफे के बाद से निरंतर संभाला है.
वैसे भी नीतीश कुमार की पार्टी में पहले से ही यह कहा जा रहा है कि सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पार्टी में लोग एक दूसरे से नाराज चल रहे हैं. भले ही नीतीश कुमार ऊपर ऊपर से कितना भी ऑल इज वेल का नारा लगा दे लेकिन एक ना एक दिन भीतर की सच्चाई सामने आ ही जाती है.