झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार बनी थी. नई सरकार बनने के बाद फ्लोर टेस्ट के लिए दो दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन कराया गया था, जिसमें सत्ता और विपक्ष के बीच में दो दिनों तक तीखी बहस चली. विधानसभा सत्र के पहले दिन की कार्रवाई में हेमंत सोरेन ने पहुंचकर चंपई सोरेन की सरकार का फ्लोर टेस्ट में साथ दिया था और अपने खिलाफ चल रही ईडी के कार्यवाही पर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रहार किया था.
झारखंड विधानसभा दो दिवसीय विशेष सत्र हंगामेदार
मंगलवार को इस दो दिवसीय विशेष सत्र का आखिरी दिन था, जो काफी हंगामेदार रहा. आखिरी दिन की कार्रवाई के बाद सदन को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित किया गया है. सत्र के दौरान भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही और इरफान अंसारी के बीच में काफी नोंक-झोंक भी हुई. जिसमें भानु ने इरफान से कहा बैठो बहुत बड़ा रंगबाज बना है.... . सदन में उंगली दिखाने का भी सिलसिला देखा गया, हफीजुल हसन ने उंगली दिखाते हुए भानु को कुछ बोलना चाहा जिसपर भानु भड़क उठे और उंगली नीचे करने के लिए कहने लगे. भानु ने कहा कि हम भी मूलनिवासी हैं. इस तीखी बहस के बीच में राज्यपाल के अभिभाषण पर राज्य सरकार ने जवाब देना शुरू किया. राज्य सरकार के जवाब देने के समय भाजपा, आजसु और निर्दलीय विधायक ने सभा से वर्कआउट कर दिया. इसके बाद स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.
झारखंड राज्य बनाने के लिए 11 मंत्रियों ने दिया था इस्तीफा
सत्र में मंत्री आलमगीर आलम ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि हेमंत सोरेन के कार्य को चंपई सोरेन के नेतृत्व में आगे बढ़ाया जाएगा. आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड राज्य का गठन भाजपा ने नहीं किया है. अगर राज्य सरकार अलग राज्य बनाने के लिए प्रस्ताव नहीं भेजती तो कभी झारखंड नहीं बन पाता. झारखंड को बनाने के लिए हमारे 11 मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था. जब झारखंड अलग राज्य बना था उसके पहले हम बिहार में गठबंधन की सरकार में थे. हमारा राज्य के गठन में सबसे बड़ा योगदान था.
आज के सत्र में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को भी मुद्दा बनाया गया. जिसमें बिरसा मुंडा के गांव उलिहातु नहीं जाने पर भाजपा ने सवाल खडे किए. जिस पर कांग्रेस नेता आलमगीर आलम ने कहा कि खूंटी में राहुल गांधी ने भगवान बिरसा मुंडा के परिजनों से मुलाकात की. भगवान बिरसा मुंडा को सम्मानित भी किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खूंटी आए थे तब आदिवासियों को उम्मीद थी कि वह सरना कोड की सौगात उन्हें देंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और आदिवासियों को निराश किया.
आलमगीर आलम ने चंपई सोरेन के सरकार को सरकार पार्ट 2 का नाम दिया है. साथ ही हेमंत सोरेन के कामों को तारीफ करते हुए कहा कि हेमंत सरकार ने जिनके पास आवास नहीं था, उनके लिए अबुआ आवास योजना की शुरुआत की. बुजुर्गों को पेंशन देने की शुरुआत की और झारखंड की विधि व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए काम किया. भाजपा जो झारखंड की विधि व्यवस्था पर सवाल उठाती है वह मणिपुर हिंसा पर कुछ नहीं बोलती है.
मंत्री आलम ने मंगलवार को मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग की ओर से 21 दिसंबर 2022 को गठित एक सदस्य न्यायाधीश आयोग का प्रतिवेदन और सभा सचिवालय की एक कॉपी सभा के पटल पर रखी.