मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में भाजपा की गोगो दीदी योजना पर रोक लगाने का प्लान बना लिया है. जिसके तहत उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स के जरिए पोस्ट करते हुए राज्य के सभी उपायुक्तों को चुनाव आयोग के दिशा निर्देश का पालन करने का आदेश दिया और कहा कि नियम सख्ती से लागू हो और दोषियों पर मुकदमा दर्ज किया जाए. सीएम के इस आदेश के बाद भाजपा बिफर गई है और फॉर्म भरवाने को लेकर भी अड़ गई है.
झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा ने झारखंड में गोगो दीदी योजना के तहत 2100 रुपए महिलाओं को देने का वादा किया, जिसके तहत महिलाओं से फार्म भरवाने की शुरुआत होनी है. मगर इसके पहले हेमंत सोरेन ने चुनाव आयोग के एक आदेश को याद दिलाया है. दरअसल चुनाव आयोग की ओर से लोकसभा चुनाव से पहले कहा गया था कि सभी राजनीतिक दल वैसे कोई भी गतिविधि से दूर रहे जिसमें किसी भी विज्ञापन और सर्वेक्षण के जरिए चुनाव बाद लाभार्थी उन्मुख योजनाओं के लिए व्यक्तियों का पंजीकरण में शामिल हो.
इसी को आधार बनाते हुए सीएम ने झामुमो की शिकायत पर सभी डीसी को चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन करने वाले खिलाफ सख्त कार्रवाई और केस दर्ज करने का निर्देश दे दिया है. इस पर भाजपा की ओर से कहा गया कि आदर्श आचार संहिता चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद से प्रभावी होती है. अधिसूचना जारी होने तक हर दल को अपना कार्यक्रम चलाने का अधिकार है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन के इस आदेश पर कहा कि मैं खुद गोगो दीदी योजना का फॉर्म भरवाऊंगा, सरकार मुकदमा दर्ज कराती है, तो करें.
भारत निर्वाचन आयोग ने मई 2024 में एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा था कि राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा अपनी प्रस्तावित लाभार्थी योजनाओं के लिए विभिन्न सर्वेक्षणों की आड़ में मतदाताओं का विवरण मांगने को गंभीरता से लिया गया है. इसे लोक अधिनियम 1951 की धारा, 123(1( के तहत रिश्वतखोरी का भ्रष्ट का आचरण माना गया है.