झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी छोड़ने का सिलसिला जा रही है. इस कड़ी में कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा का भी नाम जुड़ गया है. सोमवार को मानस सिन्हा ने भाजपा का हाथ थाम लिया. असम के सीएम और भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सलमा की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा ज्वाइन किया. मानस सिन्हा के भाजपा में शामिल होने के बाद इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि मैंने पिछले 27 साल से कांग्रेस पार्टी की सेवा की और अलग-अलग पदों पर काम किया. लेकिन पार्टी में समर्पित कार्यकर्ताओं के लिए कोई सम्मान नहीं रह गया. इसलिए मैंने भाजपा ज्वाइन किया. मैं बिना किसी शर्त के भाजपा में आया हूं. कांग्रेस पार्टी की सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देते हुए मानस सिन्हा ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को एक चिट्ठी भी लिखी, जिसमें उन्होंने अपने पार्टी छोड़ने के दर्द को बयां किया.
झारखंड कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष ने चिट्ठी में लिखा कि मैंने अपने कीमती 27 साल पार्टी को दिए. इस दौरान पार्टी ने मुझे जब भी, जो भी जिम्मेदारी दी, मैंने उसे पूरी ईमानदारी से किया है. मैंने हर बार कोशिश की है कि बेहतर परिणाम दूं. लेकिन मुझे लगता है कि मेरी यहां कोई कीमत नहीं है. यह चौथा मौका है जब पार्टी ने मुझे अपमानित किया है, मुझे नीचा दिखाया है. किसी भी चीज को बर्दाश्त करने की एक सीमा होती है. मुझे लगता है कि मेरी बर्दाश्त करने की सीमा पार हो चुकी है.
दरअसल सिन्हा पिछले दिनों से ही टिकट न मिलने पर कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे थे. इस नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी.
असम सीएम ने कहा कि मैं भी 22 सालों तक कांग्रेस के साथ रहा. मुझे पता है कि पार्टी में कैसी स्थिति है.