झारखंड हाईकोर्ट ने डायन बिसाही के नाम पर हो रही हत्याओं को रोकने के लिए राज्य सरकार से जानकारी मांगा है. सोमवार को हाईकोर्ट ने स्वतसंज्ञान लिए मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार को डायन प्रथा के नाम पर हो रही महिलाओं की हत्या से निपटने के लिए पूरी कार्ययोजना तैयार करे. चीफ जस्टिस एस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की बेंच ने मामले को बेहद गंभीर बताया. कोर्ट ने सरकार से बताने के लिए कहा है कि इस तरह के मामले में अब तक क्या-क्या कार्रवाई की गई है, कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है, समय पर चार्जशीट दाखिल की जाती है या नहीं.
हाईकोर्ट ने इन सभी बिंदुओं पर विस्तृत शपथ पत्र दाखिल करने का राज्य सरकार को आदेश दिया है. मामले पर अगली सुनवाई फरवरी में की जाएगी. सरकार ने विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय की मांग की है.
साल 2021 में गुमला के एक ही परिवार के पांच लोगों की टांगी से काटकर हत्या कर दी गई थी. इस परिवार में एक 8 साल की बच्ची थी. अक्टूबर 2024 में सरकार ने पीड़ित बच्ची को मुआवजा के रूप में प्रतिमाह 2000 रुपए देने शुरू किए थे. जिसे अब बढ़ाकर 4000 रुपए किया गया है. सरकार ने बताया कि महिला हेल्पलाइन नंबर 181 सिर्फ एक मोबाइल नेटवर्क से लगता था. अन्य मोबाइल नेटवर्क से लगाने से दूसरे राज्य में नंबर लग जाता था, जिसे अब ठीक कर लिया गया है. पीड़ित महिलाएं अपनी परेशानियों को सभी मोबाइल नेटवर्क से इस नंबर पर फोन कर बता सकती हैं.
अदालत को बताया गया कि राज्य के हर इलाके में डायन बताकर महिलाओं की हत्या की जा रही है और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. अदालत ने स्थानीय भाषा में महिलाओं को डायन अंधविश्वास बताने के लिए जागरूकता अभियान चलाने को कहा था. डायन कहने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया था. इसमें सबसे ज्यादा डायन बिसाही के नाम पर हत्या और मारपीट की घटनाएं गुमला जिले में होती है जिसे रोकने के लिए झालसा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.