झारखंड हाईकोर्ट ने JSSC चेयरमैन को लगाई फटकार, आज सशरीर पेश होने का दिया आदेश

झारखंड में 2016 की शिक्षक नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट सख्त है. इसी संबंध में जेएसएससी आयोग के अध्यक्ष को आज सुनवाई में सशरीर मौजूद रहने का कोर्ट ने आदेश दिया है.

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JSSC चेयरमैन को फटकार

JSSC चेयरमैन को फटकार

झारखंड हाईकोर्ट ने जेएसएससी के अध्यक्ष को फटकार लगाते हुए कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. झारखंड हाईकोर्ट के कड़े रूख के बाद गुरुवार शाम स्नातक प्रशिक्षित संयुक्त शिक्षक प्रतियोगिता 2016 के 26 विषयों का स्टेट मेरीट लिस्ट जारी हुआ. दरअसल गुरुवार की सुबह जस्टिस दीपक रोशन की अदालत में जेएसएससी प्रतियोगिता परीक्षा को लेेकर दायर हुई पांच दर्जन से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रतियोगी परीक्षा के स्टेट मेरीट लिस्ट जारी नहीं करने पर कड़ी नाराजगी जताई. प्रार्थियों और जेएसएससी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने कहा कि 5 अगस्त की सुनवाई में आयोग को शिक्षक परीक्षा के स्टेट मेरीट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया था. मगर आयोग ने आदेशों की अनदेखी की और वेबसाइट पर सिर्फ अभ्यर्थियों का स्कोर कार्ड जारी किया.

कोर्ट ने कहा कि आदेश के बावजूद स्टेट मेरीट लिस्ट जारी नहीं करना कुछ संदेहास्प्द लगता है. लाखों अभ्यर्थियों की मेहनत को जेएसएससी गंभीरता से नहीं ले रहा है और ना ही अदालत के आदेशों को मान रहा है. कोर्ट ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच का आदेश दिया जा सकता है. कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए आगे कहा कि स्टेट मेरीट लिस्ट जारी नहीं होगा तो अदालत अवमानना की कार्रवाई शुरू करेगा.

इसी दौरान कोर्ट ने जेएसएससी के अध्यक्ष को आज सुनवाई के लिए सशरीर हाजिर होने का भी आदेश दिया. कोर्ट ने अध्यक्ष को आज सुनवाई के दौरान सुबह 11:30 बजे कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया. इसके अलावा कोर्ट ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्री से आईटी एक्सपर्ट भी बुलवाया. जहां अदालत में जेएसएससी की वेबसाइट को खोला गया और स्टेट मेरीट लिस्ट देखने की कोशिश की गई. अधिकारियों से कोर्ट ने पूछा की मेरिट लिस्ट कहां है?

बता दें कि जेएसएससी ने साल 2016 में 26 विषयों के लिए हाई स्कूलों के 17,572 पदों पर स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की थी. साल 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट मेरीट लिस्ट के आधार पर सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति का आदेश दे दिया था. इस नियुक्ति में 4000 से अधिक पद खाली रह गए, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भरने का आदेश दिया था. लेकिन जेएसएससी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी अनुपालन नहीं किया है. दरअसल नियुक्तियों में खाली पदों पर मेरिट पास अभ्यर्थियों ने अपने चयन का दावा करते हुए याचिका दायर की है.

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