झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने 5 महीने बाद जेल से बाहर निकलने पर एक बार फिर से सीएम पद की शपथ ली. झारखंड के 13वें सीएम के पद पर बैठने के बाद सोमवार को उन्होंने सुबह फ्लोर टेस्ट भी पास कर लिया, जहां सरकार के पक्ष में 45 वोट पड़े और विपक्ष में 0 वोट मिले. विधानसभा के विशेष सत्र में हेमंत सोरेन के फ्लोर टेस्ट के बाद हेमंत कैबिनेट के 11 मंत्रियों का शपथ ग्रहण भी कराया गया. शाम करीब 5:00 बजे राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राजभवन के बिरसा मंडप में कैबिनेट में शामिल 11 मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. जिसमें पहली बार 12 मंत्रियों का पद भर गया है.
10 सालों के बाद झारखंड में 12 मंत्री के पद भर के हैं. इसके पहले साल 2014 में हेमंत सोरेन ने अपने 14वें के कार्यकाल में आखिरी बार पूरे 11 मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया था.
हेमंत सोरेन के इस कार्यकाल में पूर्व सीएम चंपई सोरेन को जगह मिली जिसके बाद बसंत सोरेन और बादल पत्रलेख को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया है. हेमंत कैबिनेट में दो मंत्री अल्पसंख्यक समुदाय के हैं जबकि दो अनुसूचित जाति, चार अनुसूचित जनजाति, दो स्वर्ण जाति और दो ओबीसी से आते हैं. सीएम हेमंत सोरेन अनुसूचित जनजाति से आते हैं, चंपई सोरेन अनुसूचित जनजाति, दीपक बरुआ अनुसूचित जनजाति, डॉ रामेश्वर अनुसूचित जनजाति से है. सत्यानंद भोक्ता अनुसूचित जाति, बैद्यनाथ राम अनुसूचित जाति से आते है. हाफिज अल हसन अंसारी अल्पसंख्यक, इरफान अंसारी अल्पसंख्यक, बन्ना गुप्ता(वैश्य) ओबीसी, बेबी देवी कुर्मी ओबीसी, दीपिका पांडे सिंह ब्राह्मण, मिथिलेश ठाकुर ब्राह्मण समाज से आते है.
बता दें कि हेमंत सोरेन ने 2019 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में केवल 11 मंत्री ही बनाए थे. चंपई सोरेन भी 5 महीने तक 11 मंत्री के सहारे सरकार चला रहे थे.