भारत सरकार की ओर से देशभर में 8 नए हाई स्पीड रोड कॉरिडोर बनाने की घोषणा हुई है. सरकार नए कॉरिडोर को बनाने के लिए 50,700 करोड़ रुपए खर्च करेगी. 8 नए कॉरिडोर की कुल लंबाई 936 किमी होगी, जिसे देश के अलग-अलग कोने में बनाया जाएगा. इन सड़कों के बन जाने से लोगों के समय की बचत होगी और कई शहरों की दूरी भी घट जाएगी.
यह नया कॉरिडोर आगरा-ग्वालियर, कानपुर-लखनऊ, खड़कपुर-मोरग्राम, रायपुर-रांची, अहमदाबाद, पुणे, नासिक, अयोध्या और गुवाहाटी तक को लाभ पहुंचाएगा. रायपुर-रांची कॉरिडोर को फोरलेन एक्सेस कंट्रोल्ड पत्थलगांव गुमला स्टेशन को हाइब्रिड इम्यूनिटी मोड में विकसित किया जाएगा. इसके लिए कुल लागत 4473 करोड़ रुपए रखी गई है. इस कॉरिडोर से गुमला, लोहरदगा, रायगढ़, कोरबा और धनबाद के खनन क्षेत्र और रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बोकारो और धनबाद के इंडस्ट्रियल और मैन्युफैक्चरिंग एरिया के बीच संपर्क बढ़ेगा. रांची-रायपुर कॉरिडोर 137 किमी लंबा होगा.
झारखंड के रक्षा राज्य मंत्री सह रांची सांसद संजय सेठ ने इस पर जानकारी देते हुए बताया कि यह कॉरिडोर इंडस्ट्रियल और खनन क्षेत्र को जोड़ने वाला है. इस कॉरिडोर से दो राज्यों के बीच विकास के नए अवसर पैदा होंगे. साथ ही मछली पालन, मेगा फूड पार्क, स्पेशल इकोनामिक जोन सहित 9 आर्थिक विकास क्षेत्र भी यहां से जुड़ेंगे.
बता दें कि आगरा ग्वालियर नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर पर 4613 करोड़ रुपए खर्च होंगे, यह कॉरिडोर 88 किलोमीटर लंबा बनाया जाएगा. खड़कपुर-मोरग्राम नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर पर 10,247 करोड़ रुपए, अहमदाबाद नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर पर 10,534 करोड़ रुपए, फोरलेन अयोध्या रिंग रोड पर 3,935 करोड़ रुपए, सिक्स लेन कानपुर रिंग रोड पर 3,298 करोड़ रुपए, गुवाहाटी बाईपास पर 5,729 करोड़ और पुणे नासिक खेत कॉरिडोर पर 7827 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.