झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र चौथे दिन खूब हंगामादार रहा. सुबह से सदन में शुरू हुआ हंगामा रात तक चलता रहा. विपक्ष की ओर से कई मुद्दों पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जवाबदेही मांगी गई. दूसरी पाली में भी सदन विपक्ष के हंगामें के कारण नहीं चल सका, सदन का हंगामा वेल तक पहुंच गया. जब विपक्ष का हंगामा शांत नहीं हुआ, तब स्पीकर ने सदन की कार्रवाई को खत्म करने की घोषणा की. हालांकि कार्रवाई ख़त्म होने के बाद भी भाजपा विधायक सदन में ही डटे रहे. काफी देर तक विपक्ष का हंगामा और धरना सदन के अंदर चला.
विधायकों को बाहर निकालने के लिए सदन की बत्ती भी बुझाई गई, लेकिन फिर भी वह अंधेरे में अंदर बैठे रहे. इस हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद रात 10:00 बजे मार्शलों ने विधायकों को टांग कर विधानसभा से बाहर किया. जिसके बाद वह सभी बाहर लॉबी में धरने पर बैठ गए. भाजपा विधायकों ने बुधवार की रात विधानसभा के बाहर ही गुजारी.
भाजपा विधायकों को मनाने के लिए देर रात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी पहुंचे, लेकिन विधायक नहीं माने. सदन से बाहर आकर भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को सदन से बाहर लाकर पटक दिया है, लेकिन हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा.
विपक्षी विधायकों ने अपने साथ ज्याति करने का आरोप लगाया. रातभर विधायक विधानसभा की लॉबी में ही रहे. इस दौरान मच्छरों से भी विधायकों का कई बार सामना हुआ. सुबह उठकर विधायकों ने परिसर में ही मॉर्निंग वॉक किया और एक-एक करके अपने आवास चले गए. हालांकि इस दौरान नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी 7:00 बजे तक विधायक लॉबी में डटे रहें.
विधायकों ने मुख्यमंत्री के जवाब के लिए आंदोलन किया. भाजपा के मुख्य सचेतक बीरांची नारायण ने बताया कि जब तक मुख्यमंत्री राज्य के बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, सहायक पुलिसकर्मियों, शिक्षकों और दूसरे अनुबंध कर्मियों को स्ठायी करने जैसे वादों पर जवाब नहीं देंगे, तब तक धरना जारी रहेगा. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि सदन के अंदर बिजली, पानी, एसी सब बंद कर दिया गया था. विधायकों को सदन के अंदर अंधेरे में बैठाया गया.
झारखंड विधानसभा के इतिहास में पहली बार है जब विपक्ष ने विधानसभा परिसर में पूरी रात गुजारी हो. आज विधानसभा के मानसून सत्र का पांचवा दिन है, बीते दिनों से चल रहे हंगामे के बाद आज भी विपक्ष का कड़ा रूप सदन में देखने मिल सकता है.