झारखंड में 13 वें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कल फ्लोर टेस्ट पास किया, जिसके बाद उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में सभी 12 मंत्रियों के पद को भी भरा. सोमवार की शाम हेमंत सोरेन के कैबिनेट में शामिल होने के लिए सभी 11 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया, देर शाम सीएम ने उनके बीच विभागों का भी बंटवारा कर दिया.
सीएम हेमंत सोरेन ने अपने पास कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग, गृह विभाग, पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग और ऐसे सभी विभागों को रखा है जो दूसरे मंत्रियों को आवंटित नहीं हुए हैं. राज्य के पूर्व सीएम चंपई सोरेन को जल संसाधन विभाग, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग दिया गया है.
बैद्यनाथ राम को स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग एवं मध्य निषेध विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. मिथिलेश ठाकुर के कंधे पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की जिम्मेदारी है. बेबी देवी महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री बनाई गई है. हफीजुल हसन को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, निबंधन विभाग, पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग और नगर विकास एवं आवास विभाग दिया गया है. दीपक बरुआ अनुसूचित जनजाति ,अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण और परिवहन विभाग संभालेंगे. यह सभी मंत्री झामुमो कोटे से है.
कांग्रेस कोटे से बन्ना गुप्ता को स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग और खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग का मंत्री बनाया गया है. रामेश्वर उरांव वित्त विभाग, योजना एवं विकास विभाग, वाणिज्य कर विभाग, संसदीय कार्य विभाग देखेंगे. दीपिका पांडे सिंह कृषि,पशुपालन एवं सहकारिता विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग की मंत्री बनाई गई है. इरफान अंसारी को पूर्व मंत्री आलमगीर आलम का विभाग ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग और पंचायती राज विभाग दिया गया है.
वही राजद कोटे से एक मंत्री सत्यानंद भोक्ता को श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग और उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.
कैबिनेट बंटवारें के बाद हेमंत सोरेन ने कहा कि पूरे मंत्रिमंडल का गठन कर लिया गया है और कैबिनेट में बैठक भी की है. राज्य में माइनिंग गतिविधियां सबसे ज्यादा हो रही है. पूरे देश के 40 फीसदी से ज्यादा खनिज संपदा झारखंड में है, लेकिन उससे प्रभावित लोगों के लिए कोई स्पष्ट नीति सरकार के पास नहीं है.
आज हमने बहुत जल्द व्यवस्थापन आयोग बनाने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा है, जिसपर बहुत जल्द काम होगा. हम इसमें सभी विस्थापित लोगों का आर्थिक सामाजिक सर्वे करेंगे, इसके बाद डाटाबेस तैयार होगा और सभी माइनिंगग क्षेत्र में उतार-चढ़ाव को समझा जा सकेगा. एक दस्तावेज भी तैयार किया जाएगा, जिसमें माइनिंग से होने वाले लाभ और हानि का जिक्र होगा. माइनिंग के क्या प्रभाव है यह भी डाटाबेस को तैयार करने में देखा जाएगा.