Jharkhand News: CM हेमंत सोरेन ने 1500 शिक्षकों को बांटे नियुक्ति पत्र, भाषण में विपक्ष पर जमकर बरसे

Jharkhand News: रांची के प्रभात तारा मैदान में सीएम हेमंत सोरेन ने 1500 पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा. सीएम ने इस नियुक्ति पत्र कार्यक्रम को संबोधित भी किया, जहां उन्होंने अपने संबोधन में विपक्ष पर खूब हमला बोला.

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हेमंत सोरेन ने 1500 शिक्षकों को बांटे नियुक्ति पत्र

हेमंत सोरेन ने 1500 शिक्षकों को बांटे नियुक्ति पत्र

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने आज रांची के प्रभात तारा मैदान में 1500 पीजीटी शिक्षकों के बीच में शिक्षक नियुक्ति पत्र बांटा. सीएम ने इस नियुक्ति पत्र कार्यक्रम को संबोधित भी किया, जहां उन्होंने अपने संबोधन में विपक्ष पर खूब हमला बोला. 

हेमंत सोरेन ने अपने भाषण में कहा कि आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आज राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति हो रही है. हमने अब तक 20,000 से अधिक शिक्षकों को नियुक्त किया है. कुल मिलाकर 60,000 से अधिक नौजवानों को नियुक्ति पत्र बांटा है. जब हमने राज्य की कमान अपने हाथों में ली थी तब शुरुआत में ही वैश्विक महामारी कोरोना ने हमें जकड़ लिया था, उस दौरान पूरी दुनिया रुक गई थी. विपरीत परिस्थितियों में भी हम रात दिन सजग होकर काम करते रहे और हार नहीं मानी. जब कोरोना खत्म होने के कगार पर पहुंचा तब हमारे विरोधियों ने हरकतें शुरू की. विरोधियों की ओर से अलग-अलग संस्थाओं का इस्तेमाल कर षड्यंत्र रचा गया और हमारे काम को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन हम रुके नहीं, चलते रहे. हमें अपनी मंजिल तक पहुंचना था, लेकिन हमारे विरोधी घात लगाकर षड्यंत्र रच रहे थे. हम झारखंडी षड्यंत्र को कभी-कभी समझ नहीं पाते, जिसका नतीजा यह हुआ कि मुझे 5 महीने जेल में बिताना पड़ा.

सीएम हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि हमें ऐसी बातों से ना कभी डर था, ना है और न लगेगा. किससे कैसे लोहा लेना है यह हमें आता है. यह सह-मात का खेल चलता रहेगा, आप आश्वस्त रहे, आपके लिए और इस राज्य की नौजवान पीढ़ी के लिए रोजगार छिनने  की हमारी सोच नहीं है.

सीएम ने आगे केंद्र सरकार की नीतियों को भी अपने भाषण में शामिल करते हुए कहा कि केंद्र की नीतियों के कारण छोटे-मझोले उद्योग कोरोना के दौरान बंद हुए. उनमें काम करने वाले लोग बेरोजगार हो गए और आज तक भटक रहे हैं. आज जहां हम खड़े हैं प्रभात तारा मैदान एचईसी का है ,जिसे उद्योगों की जननी कहा जाता है. इसकी बदौलत देश और विदेश दोनों जगह उद्योग स्थापित हुए हैं. जब इसका निर्माण हुआ होगा तब 30 से 35 हजार लोग इस कंपनी में काम कर रहे होंगे. आज 10-11 हजार लोग भी यहां नहीं है. इस उद्योग को बचाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की नहीं, बल्कि केंद्र की है. राज्य की इतनी क्षमता भी नहीं है कि इतने बड़े उद्योग को चला सके, लेकिन अगर भारत सरकार हमें हक़ दे तो हम इसे सवार देंगे.

हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि एयरफोर्स बिक गया, रेल बिक गया, बंदरगाह बिक गए उद्योगों को बेचने की तैयारी की जा रही है. अर्थव्यवस्था की ऐसी हालत है कि हमारा रुपया डॉलर के मुकाबले पैर के बल नहीं, सिर के बल खड़ा है. चाणक्य ने कहा था कि जिस देश का राजा व्यापारी होगा उस देश की प्रजा हमेशा भिखारी होगी. आज देश में ऐसे-ऐसे कानून बना रहे हैं जिससे आदिवासी, दलित, गरीब सब परेशान है. देश के नौजवान सड़क पर आ गए हैं, आयदिन नौकरियों के लिए धरना और प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उनके कान पर जूं तक नहीं रहा.

अगर पूरे देश से आदिवासी अधिकारियों को ढूंढ कर भी लाया जाए तो प्रभात तारा मैदान का एक कोना भी नहीं भर पाएगा. हमारे सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में काम करना शुरू किया है, स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बना कर दिया ताकि प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर ही गरीब बच्चों को भी शिक्षा दी जा सके. और शिक्षकों की नियुक्ति होगी तो स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस बनाएंगे, ताकि बच्चों को और बेहतर शिक्षा मिल पाए. आप सब शिक्षकों से यही उम्मीद है कि आने वाली पीढ़ी को इस तरह से तैयार करें कि उनका रिजल्ट एक्सीलेंट हो.

कार्यक्रम में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री वैद्यनाथ राम मंत्री रामेश्वर उरांव और सत्यानंद भोक्ता भी मौजूद रहे.

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