हेमंत सोरेन को झारखंड के सीएम का पद संभाले अभी एक हफ्ता पूरा भी नहीं हुआ था कि तब तक उनके ऊपर ईडी ने एक बार फिर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू की है. सीएम हेमंत सोरेन को 5 महीने बाद झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिली थी, जिसके बाद वह जेल से बाहर आए थे. जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने चंपई सोरेन से अपनी सत्ता वापस ले ली और राज्य के 13वें सीएम के तौर पर शपथ ग्रहण किया. ईडी ने हेमंत सोरेन के इसी जमानत को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है.
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी अर्जी दायर की है, जिसमें कहा है कि हाईकोर्ट का आदेश गैरकानूनी है. जमानत के लिए पीएमएलए एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है. जमानत आदेश में हाईकोर्ट की तरफ से की गई टिप्पणियों पर भी ईडी ने आपत्ति जताई है. ईडी ने कहा है कि कोर्ट का कहना गलत है कि हेमंत सोरेन के खिलाफ प्रथम दृष्ट्यता कोई मामला नहीं बनता. कोर्ट के आदेश में कई चूक और अनदेखी है, जिस पर शीघ्र सुनवाई की जरूरत है.
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में ईडी की तरफ से दायर इस अपील के बाद अब हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ सकती है. कथित जमीन घोटाला मामले में मनी लांड्रिंग के आरोपी में हेमंत सोरेन 31 जनवरी को जेल गए थे. ईडी की गिरफ्तारी के बाद 5 महीनों तक झारखंड में चंपई सोरेन ने सीएम का पद संभाला था. जेल से बाहर आने के बाद हेमंत सोरेन नाम फिर से झारखंड की कुर्सी अपने पास ले ली और फ्लोर टेस्ट में पास हो गए. सोमवार को ही उन्होंने 11 मंत्रियों को अपने कैबिनेट में शामिल किया और सरकार बनाने के लिए विभागों का बंटवारा भी कर दिया, लेकिन इसी के बीच उनके जमानत का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया.