बीते करीब दो हफ्ते से बिहार में एक के बाद एक कई पुल धड़ाम हुए हैं. बिहार के पुल गिरने की खबरों का सिलसिला अभी थम नहीं रहा था कि तब तक झारखंड में भी पुल गिरने की घटना शुरू हो गई. झारखंड के गिरिडीह में बीते दिन एक पुल ने जल समाधि ले ली. गिरिडीह जिले में निर्माणाधीन पुल का एक गार्डर गिर गया, जिसके बाद पुल का पिलर झुक गया. हालांकि इस निर्माणाधीन पुल गिरने से किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है.
पुल गिरने की जानकारी रविवार को अधिकारियों ने साझा की, जिसमें बताया गया कि अरगा नदी पर डुबरी ओला और करिहारी गांव को जोड़ने के लिए फतेहपुर-बेलवा घाटी पुल बनाया जा रहा था. पुल दुर्घटना पर सड़क निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता विनय कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पुल का निर्माण कराया जा रहा था. शनिवार की रात भारी बारिश के कारण पुल का सिंगल गार्डर गिर गया और पुल गिरने के बाद ठेकेदार को उस हिस्से को दोबारा बनाने के लिए कहा गया है.
देवरी प्रखंड का यह पुल साढ़े 5 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है. यह पुल झारखंड और बिहार के जमुई जिले को जोड़ेगा. भेलवाघाटी पथ की लंबाई 15.810 किलोमीटर है. पुल की चौड़ाई 12 मीटर और लंबाई 86 मीटर है. पुल निर्माण की शुरुआत 2019-20 में की गई थी, इस निर्माण को डेढ़ वर्ष में ही पूरा किया जाना था, लेकिन अबतक पुल के 5 में से दो स्पेन बन को ही बनाया गया है, तीन स्पेन को बनाने का काम चल रहा है.
इस पूरी घटना पर स्थानीय लोगों ने बताया है कि पुल निर्माण के ठेकेदार ने काफी घटिया मटेरियल निर्माण में इस्तेमाल किया है. पुल र्निर्माण में बिना गुणवत्ता वाली चीजों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि शुरुआत से ही पुल में घटिया सामग्री इस्तेमाल की जा रही है, करीब 6 महीने पहले पुल निर्माण का काम ग्रामीणों ने रुकवा दिया था. ग्रामीणों का आरोप था कि पुल में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है.