झारखंड में पूर्व सीएम और झामुमो नेता हेमंत सोरेन की ईडी गिरफ्तारी के बाद राज्य की सियासत सुर्खियों में आ गई है. आज झारखंड में झामुमो की किस्मत का बेहद अहम दिन होने वाला है. झारखंड में आज मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के विश्वास मत जताने का दिन है.
सोमवार से झारखंड में दो दिवसीय विधानसभा की शुरुआत होने वाली है, इस दो दिवसीय विधानसभा के सत्र में पहले दिन राज्यपाल का भाषण होगा, जिसके बाद विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियम 139 के तहत मुख्यमंत्री परिषद में विश्वास मत रखेंगे. पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन ने सीएम पद की शपथ ली थी.
विधायकों को सर्किट हाउस में ठहराया गया
आज फ्लोर टेस्ट के पहले विधायकों की खरीद की आशंका होने पर झामुमो ने अपने विधायकों को हैदराबाद भेज दिया था. ईडी की कार्रवाई के बाद 40 विधायकों को शुक्रवार के दिन हैदराबाद भेज दिया गया था. जहां उन्हें एक प्राइवेट रिसोर्ट में पुलिस सुरक्षा में रखा गया था. फ्लोर टेस्ट के ठीक एक दिन पहले रविवार को सभी विधायकों को वापस रांची बुलाया गया है. रविवार को वापसी के बाद सभी को रांची में ही एक सर्किट हाउस में ठहराया गया है और सुबह एक ही साथ सभी को विधानसभा के लिए लाया जाएगा.
विधायकों के साथ आज पूर्व सीएम हेमंत सोरेन भी फ्लोर टेस्ट में शामिल होंगे. शनिवार को विशेष अदालत ने पूर्व सीएम को फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की अनुमति दे दी थी. पूर्व सीएम ने अपनी गिरफ्तारी के बाद ही कोर्ट में याचिका लगाई थी कि वह झामुमो के विधायक है और वह 5 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के पात्र है. पूर्व सीएम की यह अपील पीएमएलए कोर्ट ने स्वीकार कर ली थी.
सीएम हेमंत सोरेन को झूठे मामले में फंसाया गया
झामुमो की ओर से लगातार भाजपा पर करारा हमला किया जा रहा है. झामुमो का आरोप है कि हेमंत सोरेन को फर्जी और झूठे मामले में फसाने की कोशिश की जा रही है, ताकि राज्य में खनिजों के लूट के काम को तेजी से किया जा सके. झामुमो के 52वें स्थापना दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि 2019 में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन बने थे, जिसके बाद उन्होंने भाजपा के द्वारा खनिजों की लूटपाट पर रोक लगवा दी थी, जिसकी वजह से उन्हें झूठे केस में फंसाया जा रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में 31 जनवरी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद मुख्यमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दिया था. मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद महागठबंधन विधायक दल के नेता चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में बनी थी. चंपई सोरेन ने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया था. दावे के मुताबिक उनके पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त विधायक हैं.