झारखंड में इन दिनों विधानसभा शीतकालीन सत्र चल रहा है. इस शीतकालीन सत्र में भाजपा की ओर से लगातार हो-हंगामा मच रहा हैं. इसी हंगामेदार सदन के बीच सत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों के ही लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है.
झारखंड विधानसभा की विशेष समिति के संयोजक रामचंद्र चंद्रवंशी ने सोमवार को झारखंड के सीएम, मंत्री-विधायक सहित सचेतक तक के सैलरी में इजाफे की रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा. दूसरे दिन पेश हुए इस रिपोर्ट में इस रिपोर्ट के तहत वेतन भत्ता के साथ और अन्य सुविधाओं में वृद्धि करने का सुझाव दिया गया है.
सोमवार को ही वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने हंगामा के बीच वित्तीय वर्ष 202-24 के लिए 8111 करोड़ रुपए से अधिक का अनुपूरक बजट पेश किया था. दूसरे दिन ही इस बजट के बाद वेतन वृद्धि में इजाफे का भी रिपोर्ट पेश किया गया है.
8वीं बार वेतन वृद्धि की मांग
झारखंड में यह आठवां मौका है जब नेताओं और मंत्रियों के वेतन की बढ़ोतरी की तैयारी की जा रही है. साल 2000 में झारखंड राज्य का गठन हुआ था तब से अब तक जनप्रतिनिधियों के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी कई बार मांग उठी है. 2015 में तत्कालीन सीएम रघुवर दास के शासनकाल में भी वेतन बढ़ोतरी की मांग उठी थी. विधायकों के वेतन भत्तों की आखिरी बार 2017 में संशोधन किया गया था.
कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, विपक्ष के नेता, मुख्य सचेतक और सचेतक के वेतन तथा अन्य भत्तों की समीक्षा के लिए पांच सदस्य एक समिति का गठन किया गया था. इस समिति को वेतन भत्ते और सुविधाओं में वृद्धि से संबंधित रिपोर्ट को सौंपना था. इस रिपोर्ट को समिति में विधायक प्रदीप यादव भानु प्रताप शाही, दीपिका पांडे सिंह और समीर मोहंती शामिल है.
सत्र में हेमंत सोरेन के स्वीकृति के बाद मुख्यमंत्री सहित नेता विधायक विरोधी दल के भी नेताओं का वेतन बढ़ सकता है.
अभी और संभावित वेतन
झारखंड सीएम को मुख्यमंत्री वेतन के तौर पर 80,000 रुपए प्रतिमा मिलते हैं जिसे बढ़ाकर ₹1,00,000 प्रति माह करने के सिफारिश की गई है. मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और उप मंत्रियों के वेतन अभी 65,000 प्रति माह है जिसे 85,000 प्रति माह करने के सिफारिश रिपोर्ट में की गई है. विधानसभा के अध्यक्ष का वेतन 78,000 प्रति माह से 98,000 प्रति माह करने के लिए रिपोर्ट में कहा गया है. वहीं उपाध्यक्ष का वेतन 55,000 प्रति माह से बढ़कर 75,000 प्रति माह करने का भी प्रस्ताव रिपोर्ट में रखा गया है. विपक्ष के नेताओं का वेतन 65,000 प्रति माह से बढ़ाकर 85,000 प्रति माह करने की भी सिफारिश की गई है.
मुख्य सचेतक और सचेतक के वेतन भत्तों में वृद्धि के लिए रिपोर्ट में कहा गया है. मुख्य सचेतक का वेतन 55,000 है जिसे बढ़ाकर 75,000 रुपए करने की अनुशंसा की गई है. उप-सचेतक का वेतन भी 50,000 से बढ़ा कर ₹70,000 और सचेतक का वेतन 40,000 से बढाकर 60,000 करने की अनुशंसा रिपोर्ट में की गई है.