झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र बीते दो दिनों से हंगामें की भेंट चढ़ रहा है. शीतकालीन सत्र में सियासी पारा बिल्कुल गर्माहट बनाए हुए हैं. पक्ष और विपक्ष दोनों की तरफ से ही एक दूसरे पर आरोप का सिलसिला सत्र जारी है. सोमवार को पक्ष-विपक्ष ने एक दूसरे पर जी भर कर आरोप लगाए और जमकर हंगामा भी किया था.
मंगलवार को भी सत्र की शुरुआत से ही भाजपा विधायकों ने हेमंत सोरेन की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. विधायकों ने अपने हाथों में तख्ती लेकर रोजगार और नियोजन नीति के मुद्दे पर सोरेन सरकार का घेराव किया है. भाजपा के हंगामें की वजह से आज सदन का सत्र बार-बार स्थागित होता रहा. भाजपा विधायक भानु प्रताप ने कहा कि 800 नियुक्तियां ही चार साल में हुई है. परीक्षाएं लगातार रद्द हो रही है, सरकार का रोजगार और नियोजन पर कोई ध्यान नहीं है. जो भी नियुक्तियां हुई हैं वह पिछले साल की हैं.
प्रश्नकाल को बीच में एक बार के लिए एक बार 12:30 बजे तक के लिए स्थगित किया गया था. जिसके बाद फिर से इसकी शुरुआत हुई और हंगामें के बाद सत्र को 2:00 बजे तक के लिए स्थगित किया गया.
तीन भाजपा विधयाक निलंबित
विधानसभा के स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने कल भी नेताओं पर वेल में आकर हंगामा करने के व्यवहार पर उन्हें फटकार लगाई थी. स्पीकर ने कहा था कि सदन को हास्यास्पद मत बनाइए. आसन को उत्तेजित मत कीजिए. आज भी स्पीकर ने एक बार प्रश्न काल के बीच हंगामें पर कड़ा जवाब दिया है. स्पीकर ने कहा कि प्रश्न काल को हंगामा कल घोषित कर दिया जाए. स्पीकर ने कड़ा रुख अपनाते हुए भाजपा के तीन विधायकों को सस्पेंड भी किया है. भाजपा विधायक बीरांची नारायण, भानु प्रताप शाही और जीपी पटेल को सस्पेंड किया है. विधायकों को मार्शल ने विधानसभा से निकला.
स्पीकर ने बीरांची नारायण को बाहर निकलते हुए कहा कि आपकी आदत खराब हो गई है कल से देख रहे हैं. लगातार इनके कारण सदन बाधित हो रहा था, हर चीज में लॉबी में आ जाते हैं.
स्पीकर से निलंबन के बाद उमर बाउरी अपने विधायकों के साथ सदन से वॉक आउट कर गए. सभी विधायक विधानसभा परिसर में ही अटल मूर्ति के बाहर धरने पर बैठ गए हैं.